राजधानी में अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने का लक्ष्य
सचिन यादव नई दिल्ली | Jan 17, 2013, 01:32AM IST
लक्ष्य- वर्ष 2016-17 तक 9 फीसदी आपूर्ति अक्षय ऊर्जा की होगी
बिजली वितरण कंपनियों को प्रत्येक वर्ष अक्षय ऊर्जा को अपनी बिजली वितरण में शामिल करना होगा
दिल्ली में वर्ष 2016-17 तक कुल बिजली वितरण में 9 फीसदी अक्षय ऊर्जा हिस्सेदारी को अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। इसके लिए बिजली वितरण कंपनियों को खुद अक्षय ऊर्जा का उत्पादन करना होगा या फिर थर्ड पार्टी से अक्षय ऊर्जा की खरीद करनी होगी।
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के रिन्युएबल परचेज आब्लीगेशन एंड रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट फ्रेमवर्क इंप्लिमेंटेशन ड्राफ्ट के मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को वर्ष 2016-17 तक बिजली वितरण में प्रयोग होने वाले वाली कुल बिजली में से 9 फीसदी बिजली अक्षय ऊर्जा के जरिए उत्पन्न होनी चाहिए।
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष पी.डी. सुधाकर ने बताया कि बिजली वितरण में अक्षय ऊर्जा को शामिल करने के लिए सौर ऊर्जा और गैर सौर ऊर्जा का उत्पादन होना जरूरी है। दिल्ली में अभी तक सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए किसी भी फर्म ने आवेदन नहीं किया है।
इसके अलावा अक्षय ऊर्जा की भागीदारी को बढ़ाने के लिए गैर सौर ऊर्जा की खरीद बाहर से करनी पड़ेगी। सौर ऊर्जा के उत्पादन में जमीन की कमी एक बहुत बड़ा रोड़ा है।
साथ ही गैर अक्षय ऊर्जा उत्पादन के स्रोत भी दिल्ली में बहुत अधिक नहीं है। रिन्यूएबल एनर्जी की बाजार में खरीद-फरोख्त किस कीमत पर होगी इसका निर्णय खुद डीईआरसी करेगी।
दिल्ली सरकार के एनर्जी एफिशिएंसी एंड रिन्यू बल एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियों को प्रत्येक वर्ष के हिसाब से अक्षय ऊर्जा को अपनी बिजली वितरण में शामिल करना होगा।
अभी एक किलोवाट सोलर ऊर्जा का प्लांट लगाने में 10 वर्ग मीटर जमीन की जरूरत होती है। वहीं एक मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये का खर्चा आता है।
जो बिजली वितरण कंपनियां खुद अक्षय ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर सकती हैं, वह दूसरी बिजली कंपनियों से अक्षय ऊर्जा की खरीद कर सकती है। इसके अलावा अपने हर वर्ष अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिन्यू बल एनर्जी सर्टिफिकेट खरीदने होंगे।
http://business.bhaskar.com/article/BIZ-aims-to-increase-the-use-of-renewable-energy-in-the-capital-4150672-NOR.html
बिजली वितरण कंपनियों को प्रत्येक वर्ष अक्षय ऊर्जा को अपनी बिजली वितरण में शामिल करना होगा
दिल्ली में वर्ष 2016-17 तक कुल बिजली वितरण में 9 फीसदी अक्षय ऊर्जा हिस्सेदारी को अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। इसके लिए बिजली वितरण कंपनियों को खुद अक्षय ऊर्जा का उत्पादन करना होगा या फिर थर्ड पार्टी से अक्षय ऊर्जा की खरीद करनी होगी।
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के रिन्युएबल परचेज आब्लीगेशन एंड रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट फ्रेमवर्क इंप्लिमेंटेशन ड्राफ्ट के मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को वर्ष 2016-17 तक बिजली वितरण में प्रयोग होने वाले वाली कुल बिजली में से 9 फीसदी बिजली अक्षय ऊर्जा के जरिए उत्पन्न होनी चाहिए।
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष पी.डी. सुधाकर ने बताया कि बिजली वितरण में अक्षय ऊर्जा को शामिल करने के लिए सौर ऊर्जा और गैर सौर ऊर्जा का उत्पादन होना जरूरी है। दिल्ली में अभी तक सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए किसी भी फर्म ने आवेदन नहीं किया है।
इसके अलावा अक्षय ऊर्जा की भागीदारी को बढ़ाने के लिए गैर सौर ऊर्जा की खरीद बाहर से करनी पड़ेगी। सौर ऊर्जा के उत्पादन में जमीन की कमी एक बहुत बड़ा रोड़ा है।
साथ ही गैर अक्षय ऊर्जा उत्पादन के स्रोत भी दिल्ली में बहुत अधिक नहीं है। रिन्यूएबल एनर्जी की बाजार में खरीद-फरोख्त किस कीमत पर होगी इसका निर्णय खुद डीईआरसी करेगी।
दिल्ली सरकार के एनर्जी एफिशिएंसी एंड रिन्यू बल एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियों को प्रत्येक वर्ष के हिसाब से अक्षय ऊर्जा को अपनी बिजली वितरण में शामिल करना होगा।
अभी एक किलोवाट सोलर ऊर्जा का प्लांट लगाने में 10 वर्ग मीटर जमीन की जरूरत होती है। वहीं एक मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये का खर्चा आता है।
जो बिजली वितरण कंपनियां खुद अक्षय ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर सकती हैं, वह दूसरी बिजली कंपनियों से अक्षय ऊर्जा की खरीद कर सकती है। इसके अलावा अपने हर वर्ष अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिन्यू बल एनर्जी सर्टिफिकेट खरीदने होंगे।
http://business.bhaskar.com/article/BIZ-aims-to-increase-the-use-of-renewable-energy-in-the-capital-4150672-NOR.html