शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

घडिय़ों के बाजार में ३० फीसदी की गिरावट


घडिय़ों के बाजार में ३० फीसदी की गिरावट नई दिल्ली
न्यू लाजपत राय स्थित घड़ी बाजार में ३० फीसदी की गिरावट आई है। घड़ी बाजार को चीन से आए उत्पादों से बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि मशहूर घड़ी ब्रांडों के अलावा देश में स्थित लोकल बं्राड की गाडिय़ों की बिक्री प्रभावित हुई है।
न्यू लाजपत राय मार्के ट टे्रडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने बताया कि गाड़ी बाजार में मंदी आई हुई है। सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि चीन से माल बहुत अधिक मात्रा में मंगाया जा रहा है जिससे बाजार में प्रतियोगिता बहुत अधिक बढ़ गई है।
उन्होंने बताया कि देश में घडिय़ों के सैकड़ो लोकल बं्राड पंजीकृत हैं। जोकि खुद ही घड़ी तैयार करते हैं। चीन के उत्पादों के सस्ते और आक र्षक होने की वजह से लोगों का रुझान लोक ल ब्रांडो से कम हो रहा है। साथ ही दिल्ली में वैट की दर भी १२.५ फीसदी है जिससे लोकल बं्राड की घडिय़ों के दाम भी बढ़ गए हैं जबकि चीनी घडिय़ों के दाम उसी स्तर पर हैं।
््््््््््््््््््््््््््बाहर से आना वाला व्यापारी भी अधिक लाभ कमाने के च€कर में चीनी घडिय़ों की खरीददारी कर रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जीएसटी(गुड्स एंड सर्विस टै€स)के लागू होने से गाडिय़ों की कालाबाजारी भी बढ़ सकती है। €योंकि बीजेपी शासित राज्यों ने जीसटी लागू करने से मना कर दिया है।
न्यू लाजपत राय मार्के ट टे्रडर्स एसोसिएशन के सचिव नीरज चोपड़ा ने कहा कि मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग से भी लोगों ने घड़ी की खरीदारी कम की है। साथ ही बं्राडेड घडिय़ों की सेल में भी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि लोग अब घडिय़ों के ब्रांड को ध्यान में रखकर नहीं खरीदारी कर रहे हैं। उनको आक र्षक घडिय़ां ही पंसद आ रही हैं।
एक अन्य व्यापारी अरविंद बताते हैं कि आजकल के युवा आक र्षक घडिय़ों को ही पंसद करते हैं। चीनी घडिय़ां सस्ती होती हैं और खराब होने पर युवा दूसरी घड़ी खरीदने चले आते हैं।
गौरतलब है कि न्यू लाजपत राय मार्केट एसोसिऐशन में ४४० से अधिक दुकानें और ४० से अधिक स्टाल है। इस दुकानों से सरकार को २० करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है।

गुरुवार, 12 अगस्त 2010

मुन्ने का दूध कब होगा सस्ता


नईदिल्लीमाहंगाईके इस दौर में पैकैट बंद दूध बेचने वाली फर्म आम आदमी को १० रुपये अधिक दाम में दूध बेच रही हैं। पैकेट बंद दूध बेचने वाली फर्म मदर डेयरी, अमूल, पारस आदि फॅर्म लोगों से अधिक पैसा वसूल कर रही हैं। देशी घी प्रोडेक्ट एसोसिऐशन के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने बताया कि बाजार में इस समय कच्चा दूध २१ रुपये से २२ रुपये प्रति लीटर की दर पर मिल रहा है। लेकिन सरकार अधिक दामों पर बिक रहे दूध के दाम करने संबंधी कोई फैसला नही कर रही है।खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष मृदुल राजीव बत्रा का कहना है कि इस समय बाजार में दूध का उत्पादन पिछले साल की तुलना में २० फीसदी से अधिक के स्तर तक बढ़ गया है जिससे बाजार में मिल्क पाउडर की मांग भी घट गई है। त्यौहारी मौसम में दूध की मांग अधिक रहती है। इस बार रमजान और रक्षाबंधन के मौके पर पैकेट बंद दूध के दाम गिरने चाहिए जिससे आम लोगों को भी दूध पीने को मौका मिल सके।उन्होंने बताया कि इस त्यौहारी मौसम में दूध के दाम को घटाकर लोगों को त्यौहारी तोहफा दिया जा सकता है। इस बढ़ती महंगाई के कारण आम आदमी की पहुंच से दूध और दूध से बने उत्पाद दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मई माह में गर्मी के मौसम में दूध के उत्पादन में कमी थी जिसके कारण मिल्क पाउडर और उनसे बने उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ था।इंडियन डेयरी एसोसिऐशन के अध्यक्ष डा० एन आर भसीन का कहना है कि इस समय गुजरात में ही ८० लाख लीटर से अधिक दूध इकट्ठा हो चुका है। अधिक दूध उत्पादन के ऐसे ही भंडार महाराष्ट्र में भी हैं। ऐसे में निश्चित है कि दूध के दामों में गिरावट की जाए । उन्होंने कहा कि आने वाले दो महीनों के अंदर दूध के दामों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। गर्मी के दौरान दूध के उत्पादन में कमी के कारण ७० से ८० हजार टन मिल्क पाउडर का आयात न्यूजीलैंड से किया जाना था। लेकिन दूध बढ़ते उत्पादन के कारण मिल्क पाउडर का आयात घटाकर ५ से ६ हजार टन तक कर दिया गया है।

बुधवार, 4 अगस्त 2010

फ्लैट न बिकने से सेनेटरी उत्पादों की बिक्री में गिरावट

सचिन यादव नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में फ्लेटों की बिक्री न होने से चावड़ी बाजार के सेनेटरी उद्योग में गिरावट आई है। चावड़ी बाजार के सेनेटरी उद्योग में यह गिरावट लगातार दूसरे वर्ष भी देखी जा रही है।
दिल्ली आयरन एंड मर्चेंटस एसोसिऐशन के सदस्य राकेश गुप्ता ने बताया कि सेनेटरी उद्योग व्यापरियों की खरीदारी पर टिका रहता है। लेकिन एनसीआर इलाकों में खासकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बने फ्लेटों को खरीदार न मिलने से सेनेटरी के माल की आपूर्ति एकदम ठप है। जब तक बने हुए फ्लेट बिकेगें नहीं, तब तक नए फ्लैट बनेंगे नहीं। नए फ्लेट न बनने से माल की आपूर्ति भी एक दम ठप है।
बाजार में इस समय फुटकर विक्रेता ही आते हैं। आने वाले समय में भी सेनेटरी बाजार में तेजी आने की उम्मीद कम ही है। उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण खरीददार कम हैं जिससे सेनेटरी उत्पादों की कीमत २० फीसदी तक बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि हमारे उत्पादों को चीन से आए सेनेटरी माल से भी क ड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। अधिकांश बड़े व्यापारी जिन्हें बल्क में माल खरीदना होता है। अब चीनी उत्पादों की बुकिंग भी करवा रहे हैं।
वहीं एसोसिऐशन के अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन ने बताया कि मार्के ट में इस समय गिरावट देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने वैट की दर भी सेनेटरी उत्पादों पर ४ फीसदी से बढ़ाकर १२.५ फीसदी के स्तर पर कर दी है। मार्केट में खरीदारों ने सेनेटरी उत्पादों के बढ़ते दामों से कदम पीछे खींच लिए हैं।
हौज काजी में पिछले कई सालों से सेनेटरी उत्पादों का व्यापार कर रहे मो.हुसैन कहते हैं कि बाजार में सेनेटरी उत्पादों की मांग बिल्कुल कम है। कम मांग के कारण हमें अपने खर्चों में कटौती भी करनी पड़ रही है। इसका असर बाजार में काम करने वाले मजदूरों की तनख्वाह पर भी पड़ता है।