सोमवार, 15 मार्च 2010

राजस्थान का बजट 2010

राजस्थान बजट
आज के समय में आई0टी0 (सूचना तकनीकी ) का अधिकाधिक उपयोग नितांत आवश्यक है। राजकीय विभागों एवं निकायों में शिकायतों अभाव अभियोगों के पंजीकरण एवं निराकरण हेतु।राजकीय भुगतान नकद में नहीं किए जाकर बैंक अथवा डाकघर के खातों के माघ्यम से किया जाना। डिलिवरी आफ सर्विसेज में नवाचार के लिए 5 करोड़ रूपये का कोष गठित करना। सरकारी कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण हेतु एक स्पष्ट नीति बनाना। जनअभाव अभियोग निराकरण आयोग गठन करना जिससे लोकसेवकों से संबंधित शिकायतों पर निश्चित समयावधि में कार्रवाई हो सके। 2010-11 में योजना का आकार 23 हजार 822 करोड़ रूपये है जो कि योजना आयोग की तरफ से अनुमोदित आकार से 37 प्रतिशत अधिक है। सड़को के लिए- बी0ओ0टी0, पी0पी0पी0, टोल, वी0जी0एफ0 एवं सूओमोटो की योजना से सड़को के बनाए जाने की योजना। आरएसआरडीसी 1हजार 350 किलोमीटर की 19 सड़के बनायी जायेंगी जिसकी अनुमानित लागत 2हजार 100 करोड़ रूपये आयेगी।आरआईडीसीओआर 263 किमी की 6 सड़क बनाएगा जिसकी अनुमानित लागत 750 करोड़ आएगी।नाबार्ड के सहयोग से 160 किमी ग्रामीण सड़क बनाई जाएगी जिसकी लागत 76 करोड़ 75 लाख।ऊर्जा 2010-11 में इस क्षेत्र में 12हजार 434 करोड़ रूपये योजनागत प्रस्तावित है, जो राज्य की वार्षिक योजना का 52 प्रतिशत है।बायोमास नीति -2010 को लागू करने की योजना प्रस्तावित।
जल संसाधनजल संसाधन के लिए 777 करोड़ 58 लाख रूपये प्रस्तावित नागौर जिले के छोटे कस्बों में 40 तालाबों के पनुरूद्धार की बात।राज्य के 164 ब्लॉक ओवर एक्सप्लाईटेड , 34 ब्लॉक क्रिटीकल एवं 8ब्लॉक सेमी क्रिटीकल है। केवल 30 ब्लॉक सुरक्षित बचे हैं । इससे निपटने के लिए एक जल नीति बनाएगी जाएगी। पेयजल के लिए 2010-11 में 1 हजार 231 करोड़ रूपये प्रस्तावित।पानी में सल्फाइट और फ्लोराइड को दूर करने के लिए योजना। कलस्टर वितरण प्रणाली।
चिकित्सा और स्वास्थ्य मुख्यमंत्री बी0पी0एल0 जीवन रक्षा कोष योजना पर 65 करोड़ खर्च होने को अनुमान। वृद्धजनों के लिए जेरियाट्रिक केन्द्र स्थापित किए जायेंगे। राजस्व गांवों में 43 हजार 353 ग्राम स्वास्थय समितियां स्थापित की जायेंगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थय मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत नर्सों का परिश्रमिक 4500 से बढ़ाकर 7500 किया जाएगा। एएनएम का 3500 से 5500 और टेक्निशियन 3000 से 5500 किया जाएगा। 2010 में 3 हजार 838 करोड़ रूपये की आयुर्वेद दवाइंया उपलब्ध कराई जायेगी। 1000 चिकित्सा शयाओं की मेडिकल कालेजों में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
सामजिक न्याय अधिकारिता - निशक्तजन नीति 75 वर्ष से अधिक - 750 रूपये प्रतिमाह 75 वर्ष से कम - 500 रूपये प्रतिमाह पति और पत्नी की उम्र 75 वर्ष से अधिक होने पर 1500 रूपये और कम होने पर 1000 रूपये पेंशन दिए जाने की योजना। सामान्य श्रेणी के उत्तर मेैट्रिक के छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में फीस पुनर्भरण । एससी व एसटी को दिए जाने वाली पोस्टमैट्रिक योजना के अनुरूप विशेष पिछड़ेे वर्ग गुुर्जर, बंजारा, गाड़ियालुहार एवं रेबारी के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए प्रांरम्भ की जायेंगी जिसमें राज्य अधीनस्थ परीक्षओं के लिए 50,000 और अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रूपये दिए जायेंगे।अल्पसंख्यक कल्याणअल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 5 नए आईटीआई खोलनें की योजना ।दस्तकार योजना।जनजाति विकास
जनजाति के कल्याणनिधि के लिए 124 करोड़ रूपये की राशि दी जाएगी।कथोड़ी समुदाय के लिए परिवारों के लिए नाबार्ड 200 पक्के आवासों का निर्माण करेगा।
दसवीं कक्षा में 65 प्रतिशत लानें पर छात्राओं को स्कूटी।बारहवीं कक्षा में 65 प्रतिशत और स्नातक में प्रवेश के समय 20,000 रूपये और दूसरे व तृतीय वर्ष में 10,000 रूपये दिए जाएंगे। विज्ञान में रूचि पैदा करने के उद्देश्य से उदयपुर में सांईस पार्क की स्थापना की जाएगी। अंग्रेजी भाषा में अभिव्यक्ति को बेहतर बनाने के लिए 1 करोड़ 50 लाख की लागत से लिंग्वालैब की स्थापना की जाएगी। महिला एवं बाल विकास प्रसव कराने वाली महिलाओं के गरम भोजन कराने के लिए 10 करोड़ रूपये वार्षिक की योजना। रोजगार स्थापित करने के लिए 10 हजार गैर-अनुदानित महिला स्वयं सहायता समूहों (नजीओ) के ऋणों के ब्याज पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वनक्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म सेल स्थापित किया जाएगा। कुछ प्रमुख बिंदु
केन्द्र सरकार द्वारा गठित वैधनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर आवश्यक संशोधन कर दिए गए हैं। जिसके फलस्वरूप 241 करोड़ रूप्ये की राशि सहकारी बैंको को प्राप्त हो गई है। कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 4 करोड़ की लागत से एक फिशरइज कालेज स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में लगभग 24 हजार 500 मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होता है। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित तथा योग्य तकनीकी मानव संसाघन की कमी।
खाद्य पदार्थो की आपूर्ति के लिए शु़द्ध के लिए युद्ध अभियान ।प्रत्येक जिले में मोबाइल टेस्टिंग लैब। राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की स्थापना। 1 मई से बीपीएल कार्डधारकों को 4.70 पैसे प्रतिकिलो की बजाए 2 रूपये प्रतिकिग्रा। इसमें कूपन व्यवस्था लागू की जाएगी और सरकार 170 करोड़ रूपये का अनुदान देगी।
सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में राज्य के प्रत्येक संभाग में एक आईटीआई की स्थापना । घेरलु श्रमिक सुरक्षा अधिनियम बनाना प्रस्तावित है। चाईल्ड टेªकिंग योजना को लागू करना।
आठ नए राजकीय विधि महाविद्यालयों के निर्माण के लिए 7 करोड़, 73 लाख का बजट।
ई- सचिवालय, ई संचार पॉयलेट योजना जयपुर में लागू की जाएगी। राजस्थान इंफास्ट्रकचर डेवलपमेंट एक्ट निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए लाया जाएगा। करौली जिला पत्थर के व्यवसाय के लिए प्रसि़द्ध है। जिले में रोजगार के साधन विकसित करने की दृष्टि से मासलपुर कस्बे में स्टोन मार्ट स्थापित करना प्रस्तावित है। राज्य शहरीकरण आयोग का गठन किया जाएगा। जयपुर मेट्रो रेेल कारपोरेशन का गठन। शुरूआती बजट मंें 179 करोड़ रूपये का प्रावधान। 400 करोड़ रूपये से राजस्थान अरबन डेवलपमेंट फण्ड की स्थापना। म्ेाला अथारिटी का गठन। स्टेट डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स का गठन । 2300 कांस्टेबलों की भर्ती। राज्य के सभी जिलों में महिला पुलिस थाने स्थापित करने की योजना। हाईकोर्ट और ज्यूडिशियल अकादमी के नए भवनों के निर्माण हेतु आगमी वर्ष में 20 करोड़ रूपये। सात परिवारिक न्यायालयों की स्थापना। टैक्स रेट को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जाना ।
पानी सप्लाई करने वाले टैंको पर से वैट की दर 14 से घटाकर 5 प्रतिशत करना। सभी टिकटों की कीमत 50 रूपये करना ये योजनासिर्फ यू श्रेणी का सर्टिफिकेट मिली फिल्मों के लिए होगा। तिमाही रिटर्न के समय चालान एवं दो अन्य दस्तावेज जमा करने होगें। 9 में से 6 अन्य दस्तावेजों को हटाया जाना प्रस्तावित है।
100 सीसी के दुपहिया वाहनों पर कर की दर 5 से हटाकर 4 किया जाना। 100 सीसी से अधिक के दुपहिया वाहनों पर 6 से बढ़ाकर 8 फीसदी किया जाना।
2010-11 में राजस्व व्यय 43 हजार 561 करोड़ रूपये अनुमानित है। टागामी वर्ष में राजस्व घाटा कुल राजस्व प्राप्तियों का 2.59 प्रतिशत व राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.50 प्रतिशत रहना संभावित है। प्रस्तुति- सचिन यादव

शुक्रवार, 12 मार्च 2010

मीडिया में पत्रकारों का हाल

मीडिया का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और मीडिया मालिकों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पर मीडिया में काम करने वालों पत्रकारों की आमदनी में कोई भी बढ़ोत्तरी का कोई भी पैमाना नही है। श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 पत्रकारों के लिए बनाया गया जिसमें बदलते समय के साथ कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया। कोई भी मीडिया संस्थान चाहे प्रिंट, रेडियो और टेलीविजन कोई भी हो, युवाओं को सपनों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। सभी मीडिया संस्थानों में इंटरर्नशिप के नाम पर महीनों काम कराया जा रहा है। सबसे पहले रेडियो सिटी के विषय में आप जानिए हर महीने तीन लोगों को तीन महीनें की इंटरर्नशिप पर रखता है। मजदूरो से भी बुरी तरह काम कराया जाता है क्योंकि उन्हें इन तीन महीनो में एक भी रूप्या नहीं दिया जाता है जबकि मजदूर कम से कम अपरी दिहाड़ी तो पा जाते हैं। चैनल के लोगों को कहना है कि हम थोड़ी न बुलाते हैं लोग खुद चलकर आते हैं। मतलब साफ है कि तीन महीने जमकर कर काम कराओ और फिर तीन महीने बाद नए इंटरर्न ले लो। एक इंगलिश न्यूज चैनल न्यूज एक्स लोगो को पहले इंटरर्न के नाम पर लेता है दो महीने काम लेता है और फिर बाहर का रास्ता दिखा देता है। मीडिया की पढ़ाई करने वाले को साफ बता देना चाहिए कि यह एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम है। पढ़ाने वाले को साफ तस्वीर रखनी चाहिए। इसी बात को लेकर मेरी कई बार हमारे पूर्व शिक्षकों से काफी बात हो चुकी है। बात स्नातक के स्तर पर पत्रकारिता को लेकर थी हमनें साफ कह दिया कि स्नातक में पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद कम से कम ये तो समझ जाता है कि वो खुद पत्रकारिता कर पाएगा या नहीं। बल्कि जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और पोस्ट गेएजुएट स्तर पर ही पत्रकारिता करने के बाद अपना सिर पीटते नजर आते हैं। एक सुनिश्चित करियर लोगों के लिए दूसरी राह भी खोलता है पर यहाँ एक करियर ही सुनिश्चित नजर नहीं आता है। कुछ समय पहले लोगों को मीडिया से आर्थिक मंदी के नाम पर जमकर निकाला गया। यही नहीं समूह के विस्तार के नाम पर सिर्फ़ 150 लोगों को सीएनबीसी आवाज से निकाल दिया गया। एक काम ये भी तो किया जा सकता था कि उनकी सैलरी को घटा दिया जाता। कम से कम सड़क पर आने से पहले अपने और अपने परिवार के लिए कुछ तो इंतजाम कर लेते। आपका परिवार आप पर निर्भर रहता है और आप मीडिया मालिकों पर जो पता नहीं कब लात मार कर आप को निकाल दें। आप अंग्रेजी और हिंदी के मीडिया में भी ये अंतर देख सकते हैं। लाभ सबसे ज्यादा हिंदी के मालिक कमा रहे हैं और वेतन के मामले में अंग्रेजी अखबारों से मीलों दूर दिखते हैं। काम करने की आजादी भी अंग्रेजी वाले दे रहे हैं। गलती हमसे ही कही हुई है कि हम क्यों नहीं समझ पाए कि क्या कुछ हमारे साथ हो रहा है । कट, कापी और पेस्ट की दुनिया अब सिमटी हुई तो नजर आती है पर हर सख्स परेशान सा क्यों है इसको समझना आसान होकर भी मुश्किल होता जा रहा है। देश के बाकी तीन खम्भों की हर प्रक्रिया सुनिश्चित की गयी है आखिर चोथे खम्बे के अर्थात क्यों पत्रकारिता में पत्रकारों की जॉब के लिए कोई नियम कानून क्यों नही बनाये गए हैं।

सोमवार, 8 मार्च 2010

विज्ञापन की दुनिया और उसमे फस गए हम और तुम

विज्ञापन ने एक आदमी की जिंदगी को कुछ इस प्रकार प्रभावित किया है जिसकी एक कहानी बानगी के रूप में प्रस्तुत है।
सुबह के पांच बजे थे कि अचानक राहुल की अजन्ता की अलार्म घड़ी ने उसके सपनों को तोड़ते हुए सुबह मार्निंग वाक के लिए उठा दिया। राहुल भी बेमन से उठा और अपनी बाटा की स्लीपर पहन कर फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया। उसका बाथरूम ओडिनल की खुशबू से महक रहा था। फ्रेश होकर डिटोल के हंेड वाश से हाथ धोए और ओरल बी के ब्रश पर क्लोज अप पेस्ट लगा लिया । ओरल बी के ब्रश ने उसके दॉतों को चारों दिशाओं में खड़पड़ा दिया और कर दी खूब सफाई । अपना मुंह धोने के लिए उसने ज्ेाक्वार का वाशिंग बेस लगा रखा था। टहलने के लिए जाने से पहले उसने रिबॉक का टैªक सूट निकाला और एडीडास के जूते पहन कर अपनी वेगनार कार में मार्निंग वाक के लिए चल दिया। वापस लौट कर घर आने पर कुर्सी पर बैठ कर अखबारों पर अपनी नजर डालने लगा और अपनी उनको चाय बनाने के लिए भी बोल दिया । अंदर किचन में टाटा टी की बनती चाय की महक बाहर तक आने लगी थी । राहुल के हाथों में कुछ देर बाद चाय का प्याला था जोकि कुछ ही देर में गायब हो गया। कल राहुल शापिंग के लिए बाहर गया और कुछ सामान भी लाया था । अब राहुल नहाने के लिए तैयारी कर रहा था कल ही उसने जॉकी की अंडरवियर और वेस्ट खरीदे थे और बडे़ ही चमकती ऑखों से उन्हें देख रहा था। नहाने से पहले उसने जिलेट के मॉक-3 से शेव बनायी और चल दिया नहाने के लिए। बाथरूम में लगी कजारिया की टाइल्स में वो अपने आप को निहारता और मन ही मन खुश होता । बदन पर पानी पड़ने के बाद सिथॉल का साबुन धीरे-धीरे अपने शरीर पर लगा लेता और बन जाता है बाथरूम सिंगर। दूसरी तरफ राहुल की श्रीमती अनामिका भी राहुल के लिए नाश्ता तैयार करने लगी। एलजी के माइक्रोओवेन में राहुल की मनपंसद डिस पकने के लिए रख दी। राहुल नहाकर बाहर निकला और अपने रूम की ओर कदम बढा़ दिए । पीटर इंग्लैड की शर्ट और ट्राउजर निकाल कर पहनने की तैयारी करने लगा। उसने अपनी गोदरेज की अलामारी खोली और प्लेेबाय का स्प्रे निकाल कर उसका ऊपर से नीचे तक तक पूरा धुंआ निकाल दिया। उसके स्प्रे से इतनी महक आ रही थी जैसे वो अभी उसमें डुबकी लगा कर आया हो। अब नाश्ते की टेबल पर बैठा नाश्ते का इंतजार करने लगा, वहीं अनामिका ने राहुल को पहले ट्रोपिकाना का जूस दिया और फिर धारा रिफांइड में बने गरमा-गरम पराठे खिलाए। अनामिका ने राहुल के लिए सिएलो के हॉट केस में खाना भी लगा दिया था। राहुल अब आफिस जाने के लिए तैयार था। राहुल ने अपना रे-बेन का चश्मा , हांडा सिटी गाड़ी की चाभी और टिफिन उठाकर आफिस के लिए चल दिया। कड़ी धूप और तगड़े टेªफिक जाम के कारण रास्ते में ही राहुल का गला सूखने लगा। आफिस पहुॅचकर तुंरत चपरासी को बिसलेरी की एक ठंडी बोतल लाने के लिए कहा और अपनें केबिन में लगे वीडियोकॉन के एसी का टम्परेर्चर डाउन कर दिया। अपने सोनी के लेपटॉप को ऑन किया और एयरटेल के अनप्लग नेट सर्विस को अपने नेट से कंनेट कर दिया। दिन भर काम में व्यस्त रहने के बाद जैसे ही राहुल खाली हुआ तभी अनमिका ने अपने रिलायंस के फोन से राहुल के बीएसएनल पर फोन किया लेकिन राहुल अपने ब्लैकबेरी पर अपने बॉस से बात कर रहा था। राहुल ने बॉस से बात करने के बाद अपने रिलायंस के फोन से अनामिका को फोन किया। अनामिका ने एक लंबी-चौड़ी लिस्ट राहुल को बता दी। राहुल आफिस से निकला और सीधे बिग बाजार पहुँच गया। उसने अनामिका को खुश करने के लिए लेकमे की नेल्स पालिस और लिपिस्टक ली साथ ही घर में बाकी समान भी ले गया। घर पहुँच कर उसने अनामिका को सरप्राइज दिया तो अनामिका ने भी रात के खाने में राहुल को आशीर्वाद आटे की फार्च्यून रिफांइड में बनी गरमा -गरम पूड़ियां और छोले खिलाएं। अब रात को टेलीविजन पर कुछ प्रोग्राम देखने के बाद दोनों सोने चल दिए। गर्मी के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए आल आउट का प्लगी लगा लिया और स्पीलवेल के मुलायम गद्दे पर ऑख बंद अपने हसीन सपनों मे खो गए।
प्रस्तुति- सचिन यादव

हाथी की ताकत का एहसास कराएंगी माया

हाथी की ताकत का एहसास कराएंगी माया। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही 26 माह बाद होने हैं। पर चुनावों की जमीन और सत्ता पर काबिज़ होने की धमक अभी से कानों में सुनाई पड़ने लगी है। फरवरी से उत्तर प्रदेश में प्रर्दशनों की बौछार विपक्षी पार्टियों की तरफ से राज्य में शासित बहुजन समाज पार्टी के लिए एक नई मुसीबत बनती जा रही है। कानपुर में हुए बलात्कार को लेकर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन से इसकी शुरूआत हुई । वहीं 25 फरवरी को भाजपा ने प्रदेश बंद का ऐलान कर एक नई चुनौती पेश की। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह भी पानी की मोटी बौछारों के बीच 1 मार्च को राजधानी लखनऊ में महगांई को लेकर कुर्सी पटकते नजर आए। कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन समाजवादी पार्टीं को कुछ बैचेन कर रहा था तो उसने भी 8 मार्च से गाँवों मे साइकिल रैली करने की घोषणा कर कर दी है। देश के सबसे बड़े राज्य पर राज करने वाली और हाथी को लखनऊ से नोएडा तक पत्थरों में सजाने वाली मुख्यमंत्री मायावती कैसे न अपनी हनक दिखातीं। रही सही कसर उन्होनें पूरी कर दी और 15 मार्च को बसपा पार्टी के स्थापना की रजत जयंती समारोह के मनाने के बहाने लखनऊ में एक विशाल रैली का आयाेिजत करने जा रही है जिससे विरोधी दलो को अपनी ताकत का एहसास कराया जा सके और विरोधी दल किसी तरह की गफलत में न दिखें। 1984 में बनी बसपा को अपनी रजत जयंती पिछले वर्ष 2009 में ही मनानी थी लेकिन लोकसभा चुनाव होने के कारण ये समोराह टाल दिया गया था। इस वर्ष 2010 में पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय काशीराम के जन्म दिवस के अवसर पर विशाल रैली के साथ ही रजत जयंती समारोह मनाने की घोषणा की है। माया की नजर राहुल गांधाी पर भी है और राहुल की नजर अब रायबरेली, अमेठी से आगे जाकर कैफी आजमी के शहर आजमगढ़ और सूखे की मार झेल रहे बुदेलखंड पर इनायत हो गई है। अभी हाल में ही सोनिया गांधाी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एक पुल के शिलान्यास से मचे विवाद की गूंज भी संसद में गूंजना दोनो पर्टियों के बीच सत्ता में काबिज रहने के लिए प्रयोग किए जाने वाले हथियारों की कहानी कह रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के 226 विधायक हाथी पर सवार है, समाजवादी पार्टी के साइकिल के पहिए की हवा कम है पर 87 विधायक साइकिल चला रहे हैं। कमल के 48 फूल लिए भाजपा विधायक विधानसभा में हैं।कांग्रेस हाथ के पंजे के रूप में 20 विधायक और गन्ना किसानों का रस चूसने वाले राष्ट्रीय लोकदल के 10 विधायक हैं। नौ विधायकों जिसमें से कुछ बाहुबली का दर्जा पाए है को किसी पार्टी का साथ न मिला तो वो निर्दलीय ही हो गए। मायावती ने दरकिनार किया तो अपनी अलग राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी बनाकर अपना स्वाभिमान बचाए रखे हुए आर0 के0 चौधरी हैं। डुमरियागंज की सीट अभी भी अपने विधायकों की राह आंखे लगायी बैठी है जबकि सी0वी0इन्निस इलाहाबाद से एंग्लो इंडियन सीट पर काबिज है। सचिन यादव छात्र हिंदी पत्रकारिता भारतीय जनसंचार संस्थान, नयी दिल्ली. 09716559699

बुधवार, 3 मार्च 2010

raj pichle janam ka jaari hai



raj pichle janam ka jaari hai