गुरुवार, 16 सितंबर 2010

जेमस और ज्वैलरी

जेमस और ज्वैलरी का कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में ६३ फीसदी से अधिक बढ़ गया है। खाड़ी देशों के साथ-साथ अमेरिका , हांगकांग में बढ़ती मांग के कारण यह असर देखने को मिला है। जुलाई २०१० में प्राप्त आकड़ो के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल से जुलाई २०१० में कुल निर्यात बढ़कर ५२६०४.९९ करोड़ रुपये हो गया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में ३४१४४.०७ करोड़ रुपये का ही निर्यात हो पाया था।दी जेम्स एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउसिंल के क्षेत्रीय निदेशक केवल कुमार दुग्गल ने बताया कि इस बार ज्वैलरी उत्पादों का निर्यात काफी अच्छा रहा है और इस बार ज्वैलरी उत्पादों का आयात भी कम किया गया है। जुलाई २०१० में जेमस एंड ज्वैलरी का निर्यात ४० फीसदी बढ़कर १०९७६.३१ करोड़ रुपये हो है जबकि इसी दौरास जुलाई २०१० में ही आयात में १.६६ फीसदी की कमी आई है। पिछले वर्ष जुलाई में ११४६७.३० करोड़ रुपये के जेमस एंड ज्वैलरी उत्पादों का आयात किया गया था। इस वर्ष १०८९५.६० करोड़ रुपये की ही जेमस एंड ज्वैलरी का आयात किया गया है।इस दौरान रफ डायमंड के आयात मेें ४५.५० फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बार अप्रैल से जुलाई २०१० के बीच में १८६७९.४९ करोड़ रुपये के रफ डायमंड का आयात किया गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में १३४९८.३४ करोड़ रुपये का आयात किया गया था।कट और पॉलसिड डायमंड के बाजार में भी तेजी दर्ज क ी गई है। सिर्फ जुलाई २०१० में ७८६६.५८ करोड़ रुपये के कट और पॉलसिड डायमंड का निर्यात किया किया गया। जोकि पिछले साल की तुलना में ३६.८१ फीसदी अधिक है। पिछले साल इस अवधि में ५९५१.४१ करोड़ रुपये का ही निर्यात किया हुआ था।जेमस एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउसिंल के आकड़ो के मुताबिक अप्रैल २०१० से जुलाई २०१० तक कट एंड पॉलसिड डायमंड का निर्यात और आयात क्रमश: ३५१२२.७० करोड़ और २२४५१.३८ करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।सोने की ज्वैलरी में निर्यात अप्रैल से जुलाई २०१० के बीच में ३१.१५ फीसदी बढ़ गया है। इस अवधि मेें १३३२०.९७ करोड़ रुपये की सोने की ज्वैलरी का निर्यात किया गया है। इस दौरान रंगीन जेमस्टोन का निर्यात भी ५.२४ फीसदी बढ़कर ३७१.२२ करोड़ रुपये हो गया है।जीजेईपीसी क्षेत्रीय निदेशक के.के. दुग्गल ने बताया कि बढ़ती निर्यात मांग के कारण किसी ओर नीति पर फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सूरत में डायमंड , जयपुर में नगीने, दिल्ली,कोलकता, मुंबई,राजकोट में ज्वैलरी और दिल्ली व कोलकता सोने के उत्पादों का निर्माण होता है। इस समय देश के अंदर प्रत्यक्ष रुप से जेमस एंड ज्वैलरी उद्योग ३४ लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

बुधवार, 8 सितंबर 2010

श्रमिकों की कमी से जूझ रहा स्टील यूटेनस्लिस उद्योग


श्रमिकों की कमी से जूझ रहा स्टील यूटेनस्लिस उद्योग दिल्ली
देश का स्टील उद्योग जगत श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है। श्रमिकों की कमी से स्टील उत्पादन में लगे व्यापरियों को दि€कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जो भी श्रमिक मिलतें हैं वह काफी ऊँ चे दाम वसूल कर रहे हैं। इस समय बाजार में २५ से ३० फीसदी श्रमिकों की कमी आ गई है।
स्टैनलेस स्टील यूटेनस्लिस टे्रडर्स एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष सतपाल गुप्ता ने बताया कि इस समय बाजार में ३० फीसदी से अधिक श्रामिकों की कमी है। जबकि श्रमिकों के वेतन को ३००० रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर ५२०० रुपये प्रतिमाह किया जा चुका है। इसके बावजूद बाजार में श्रमिक नहीं मिल रहे हैं।
दिल्ली स्टेनलैस स्टील ट्रेड फेडरेशन के अध्यक्ष जे. के. बंसल ने बताया कि पिछले दो महीनों से अचानक श्रमिकों की कमी में काफी कमी आई है। श्रमिकों की कमी से बाजार में उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। साथ ही इससे स्टील के उत्पादों के दाम भी बढ़ सकते हैं।
राजस्थान स्टेनलैस स्टील रिरोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भंवर लाल चोपड़ा ने बताया कि यहां श्रमिकों की समस्या से काफी जूझना पड़ रहा है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों का पलायन अपने राज्यों में होता जा रहा है €योंकि अब उनकों अपने राज्यों में ही रोजगार मिलता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों की कमी से स्टील उत्पादों के दाम ७ से १० फीसदी तक बढ़ गए हैं। भविष्य में स्टील के दाम और अधिक बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में मांग की अधिकता होने के कारण उत्पादन समय से करने पर अधिक जोर रहता है। लेकिन इस बार श्रमिकों की कमी से स्टील उत्पादन में दि€कत आ रही है जिससे समय से आर्डर पूरा करना भी मुश्किल हो सकता है।
गुजरात स्टेनलेस स्टील रीरोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उघम राम हुंडिया ने बताया कि बाजार में दो महीने पहले तक ३० से ४० फीसदी तक श्रमिकों की कमी थी। इस समय बाजार में श्रमिक वापस आए हैं लेकिन अभी भी श्रमिकों की कमी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय बाजार में हेल्पर का मासिक वेतन ४५०० रुपये कर दिया गया है। जबकि अनुभवी श्रमिक को ६००० रुपये प्रतिमाह तक का वेतन भी दिया जा रहा है।
सचिन यादव