मंगलवार, 29 मई 2012

पानी के लिए कब बंद होगा भारत

Photo-Google


पेट्रोल की कीमतें बढ़ती हैं तो आप की जान निकल जाती है। आप पूरा देश बंद कराने निकल पड़ते हो, गली-गली पुतले जलाते हो। लेकिन पानी की कीमतें बढ़ती हैं तो आप ऊफ तक नहीं करते हैं, क्यों? क्योंकि सरकार के हर निर्णय में आप को कमी दिखती है। पर निजी क्षेत्र की कंपनियों के किसी निर्णय पर आप की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है । निजी क्षेत्र की पैकेज्ड ड्रिकिंग वाटर बेचने वाली कंपनी बिसलेरी ने एक लीटर पानी की कीमत में ३७ फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की है। बिसलेरी का एक लीटर पानी अब १५ रुपये की बजाय २० रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं एक अन्य ब्रांड किनली ने अपनी कीमत १५ रुपये से बढ़ाकर १७ रुपये प्रतिलीटर कर दी है। अब आप तर्क दोगे कि हम पैकेज्ड ड्रिकिंग वाटर खरीदते ही नहीं है। तो हम इसका विरोध क्यों करें। आप खरीदते नहीं हैं, मै खरीदता नहीं हूं और तुमने तो कभी पैकेज्ड ड्रिकिंग वाटर का नाम तक नहीं सुना होगा।  फिर तो एलियंस ही इन निजी कंपनियों का पानी पीते होंगे और इनका कारोबार हर साल करोड़ो रुपये की दर से बढ़ा रहे हैं.
पता नहीं कब आप हकीकत में जिदंगी जीना सीखेंगे। शायद आप पेट्रोल पीकर जिंदगी जी रहे होंगे, पानी का तो आप से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होगा। इस देश में हर चीज का माहौल का बनाया जाता है और लोगों की मानसिकता को उसी के हिसाब से ढाल दिया जाता है। हर बार पेट्रोल की कीमतें बढऩे पर ही क्यों सारा बवाल शुरू हो जाता है। खाद्य पदार्थो से प्राकृतिक संसाधानों तक की कीमतें बढ़ती हैं तो आप कुछ नहीं करते।
निजी कंपनियां पहले विशेष क्षेत्रों में पानी की कमी का माहौल बनाती है और फिर पानी की बढ़ती किल्लत को देखकर पानी की कीमतें घटा देती हैं। आप और हम पेट्रोल की कीमतें बढऩे पर तो बार-बार भारत बंद करते हैं लेकिन क्या कभी पानी की कीमतें  बढऩे पर हमनें भारत बंद किया है। सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा और फिर धीरे-धीरे प्रोडेक्ट को मार्केटिंग के सहारें जनता को बेचने का अच्छा तरीका मल्टीनेशनल कंपनियों ने शुरू किया है। मल्टीनेशनल कंपनियां सिर्फ इस नाम पर प्राकृतिक संसाधनों की लूट नहीं कर सकती हैं कि वह लोगों को रोजगार मुहैया करा रही हैं। सिर्फ शुद्ध और मिनरल वाटर के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाती, इन कंपनियों के व्यवहार पर केन्द्र और राज्य सरकारों का रूख भी लचीला है। पेट्रोल की बढ़ती कीमतें सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए एक मुद्दा बन जाता है लेकिन पानी की बढ़ती कीमतें कभी भी किसी राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं बनता, आखिर ऐसा क्यों है? आखिर पानी को लेकर पूरा देश अभी भारत बंद क्यों नहीं कर रहा है। क्या ये पैकेज्ड ड्रिकिंग वाटर का कारोबार करने वाली कंपनियों  में  देश की राजनीतिक पार्टियों की कुछ हिस्सेदारी है। अभी समय रहते अगर हम और आप संभल गए तो आगे ठीक से खड़े भी हो सकेंगे और आगे भी बढ़ पाएंगे लेकिन अगर अभी नहीं संभले तो हमारी हालत भी धोबी का कुत्ता न घर का  न घाट का वाली हो जाएगी।  

शनिवार, 26 मई 2012

RTI-Paid News


भारतीय निर्वाचन आयोग से सूचना के अधिकार के तहत मैनें पेड न्यूज, विज्ञापन पर खर्च और  पेड न्यूज से संबंधित मामलों पर कार्रवाई के विषय में कुछ सूचनाएं मांगी थी। जिनका जवाब ये मिला है-  

वर्ष 2012 मंे पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, एवं मणिपुर, में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय निर्वाचन आयोग को पेड न्यूज से संबंधित 765 मामलों की शिकायत मिली। सबसे ज्यादा पेड न्यूज के मामलें 523 पंजाब में सामने आए, मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों में एक भी पेड न्यूज का मामला सामने नहीं आया। पंजाब के बाद उत्तर प्रदेश में 112, गोवा में 70 और उत्तराखंड में 60 पेड न्यूज के मामले सामने आए। 

पेड न्यूज से संबंधित मामलों में भारतीय निर्वाचन आयोग संबंधित उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई करता है नाकि मीडिया संस्थानों के खिलाफ। उपरोक्त पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय निर्वाचन आयोग ने विज्ञापन पर कोई भी पैसा खर्च नहीं किया। ईसीआई के मुताबिक विज्ञापन पर खर्च राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी करते हैं और विज्ञापन पर खर्च राशि का ब्यौरा उनके ही पास होता है।

ACTING QUOTES from Filmacharya Anand Sharma's wall post.

ACTING QUOTES

quotations about acting

Acting is the least mysterious of all crafts. Whenever we want something from somebody or when we want to hide something or pretend, we're acting. Most people do it all day long.

MARLON BRANDO, New York Times, Jul. 2, 2004

For an actress to be a success she must have the face of Venus, the brains of Minerva, the grace of Terpsichore, the memory of Macaulay, the figure of Juno, and the hide of a rhinoceros.

ETHEL BARRYMORE, George Jean Nathan's The Theatre in the Fifties

I was terrorized by the emotional requirements of being an actor. Acting is like letting your pants down; you're exposed.

PAUL NEWMAN, Time Magazine, Dec. 6, 1982

There are always going to be more actors than anybody can ever use.

EDWARD ALBEE, WNBC TV interview, Jan. 9, 1966

A defective voice will always preclude an artist from achieving the complete development of his art, however intelligent he may be.... The voice is an instrument which the artist must learn to use with suppleness and sureness, as if it were a limb.

SARAH BERNHARDT, The Art of the Theatre

Film is a time capsule. If I have a lack of dedication or focus, it's permanently there as a negative reminder.

ADRIEN BRODY, Men's Health, Dec. 2005

For almost every character I’ve played in the 43 years I’ve been working as a professional actor, I’ve found parts of myself. We are all bipolar in the tiniest essence of what it is. We are all multiple personalities, in a sense, and to be healthy mentally, I think, learning what those multiple personalities are and inviting them in your life is really important.

SALLY FIELD, Ability Magazine, Feb. 2009

The actor is an athlete of the heart.

ANTONIN ARTAUD, The Theatre and Its Double

Life's what's important. Walking, houses, family. Birth and pain and joy. Acting's just waiting for the custard pie.

KATHARINE HEPBURN, Colin Jarman's The Book of Poisonous Quotes

When I connect to my soul, project it into another character, and then bring it to the stage or to a film--that has always been for me the great joy of acting. It's been as if my soul kind of leaps out of my body and is able to be free and dance around.

KYRA SEDGWICK, Newsweek, Oct. 15, 2007

Work was never about wanting fame or money. I never thought about that. I loved getting the job, going to rehearsal, playing someone else, hanging around with a bunch of actors. I needed that, the way you need water.

SARAH JESSICA PARKER, Sam Magazine, 2005

I find that’s one of the great things about acting—you have the opportunity to stand in somebody else’s shoes, whether it’s someone with mental health problems or someone who lives and works in a small town. Each character faces a dilemma in her life, and as an actor you’re able to step into that character’s skin, look through her eyes. You leave transformed, a different person, because once you live a little bit of someone’s life, it changes you.

SALLY FIELD, Ability Magazine, Feb. 2009

Good actors, never use the script unless it's amazing writing. All the good actors I've worked with, they all say whatever they want to say.

JESSICA ALBA, Elle Magazine, Dec. 2010

The fame of an actor is won in minutes and seconds, not in years.

BRAM STOKER, Personal Reminiscences of Henry Irving

Acting is a marvelous profession ... If you can spend enough time playing other people, you don't have to think too much about your own character and motivations.

DEAN KOONTZ, Odd Hours

Acting is all about honesty. If you can fake that, you've got it made.

GEORGE BURNS

To be an actor, you have to be a child.

PAUL NEWMAN, attributed, Paul Newman: A Life in Pictures

from Filmacharya Anand Sharma's wall post.


मंगलवार, 15 मई 2012

बिक्री कर समाधान के लिए अपैक्स एडवाइजरी कमेटी


कौन-कौन
बिक्री कर विभाग की अपेक्स एडवाइजरी कमेटी में 19 सदस्य होंगे जिसकी अध्यक्षता वैट आयुक्त करेंगे। वहीं अन्य दस जोनल कमेटियों की अध्यक्षता संयुक्त आयुक्त व अतिरिक्त आयुक्त करेंगे। जोनल कमेटियों में सदस्यों की संख्या 11 रहेगी।

दिल्ली सरकार के बिक्री कर विभाग ने व्यापार व कर कानून से संबंधित मुद्दों को और अधिक आसान बनाने के लिए अपैक्स एडवाइजरी कमेटी और 10 जोनल एडवाइजरी कमेटी का गठन करने का फैसला किया है। बिक्री कर विभाग के मुताबिक अपेक्स एडवाइजरी कमेटी में 19 सदस्य होंगे जिसकी अध्यक्षता वैट आयुक्त करेंगे। वहीं अन्य दस जोनल कमेटियों की अध्यक्षता संयुक्त आयुक्त व अतिरिक्त आयुक्त करेंगे। जोनल कमेटियों में सदस्यों की संख्या 11 रहेगी।

विभाग के मुताबिक अपैक्स एडवाइजरी कमेटी का कार्य दिल्ली सरकार को वैट को और अधिक सरल तरीके के साथ लागू किया जा सके, वैट कानून से संबंधित प्रशासनिक मामलों में सलाह देगी। अपैक्स एडवाइजरी कमेटी की बैठक हर तीन महीने में होंगी।

अपैक्स एडवाइजरी कमेटी में अध्यक्ष वैट आयुक्त के अलावा विशेष सचिव (वित्त विभाग), तीन सदस्य प्रवर्तन, नीति विभाग से, दो सदस्य कर सलाहकार, दो सदस्य बार एसोसिएशन से, ऑयल कंपनी, इलेक्ट्रॉनिक, मोटर व्हीकल, आईएमएफएल और कंट्री लिकर, ड्राई फ्रूट, किराना उद्योगों से एक-एक व अन्य छह सदस्य विभिन्न उद्योगों से अपैक्स एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष नामित करेंगे। 

जोनल एडवाइजरी कमेटी का कार्य अपने क्षेत्र के ट्रेडर्स की परेशानियों को चिन्हित करना होगा और कर संग्रह को किस तरह बढ़ाया जाए, क्षेत्र के गुड डीलरों के अलग सूची बनाना। इसके अलावा जोनल कमेटी का कार्य अपने क्षेत्र के टैक्स डिफॉल्टरों की सूची तैयार करना होगा जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सभी दसों जोनल कमेटियों की बैठक तीन माह में एक बार होगी। जोनल कमेटियों को तीन महीने के दौरान अपने कार्य का विवरण, सुझाव व सलाह अपैक्स एडवाइजरी कमेटी को देने होंगे।


जोनल एडवाइजरी कमेटी में भी 11 सदस्य होंगे जिसमें अध्यक्ष की भूमिका संयुक्त आयुक्त या अतिरिक्त आयुक्त निभाएंगे। वैट के रूप में दो सदस्य, ऑडिट व प्रवर्तन विभाग से दो सदस्य, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि के तौर पर पांच सदस्य और दो सदस्यों को जोनल एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन नामित करेंगे।

आठ दिनों के भीतर दिल्ली में बढ़ी 850 मेगावाट की मांग

कटौती का प्लान
बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए वितरण कंपनियां आने वाले दिनों के लिए बिजली कटौती का प्लान बना रही हैं। वितरण कंपनी टीपीडीडीएल ने अगले तीन दिनों में बिजली कटौती का प्लान पहले ही बना लिया है।

गर्मी बढऩे के साथ ही राजधानी दिल्ली में बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। मात्र आठ दिनों के भीतर मांग बढऩे से बिजली की खपत में 851 मेगावाट की बढ़ोतरी हो गई है। दिल्ली में 4 मई को बिजली की मांग 3,782 मेगावाट के स्तर पर थी जो 11 मई को बढ़कर 4,633 मेगावाट के स्तर पर पहुंच गई है।

बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए बिजली वितरण कंपनियां आने वाले दिनों में बिजली कटौती का प्लान पहले से बना रही हैं। बिजली वितरण कंपनी टीपीडीडीएल ने अगले तीन दिनों में बिजली कटौती का प्लान पहले ही बना लिया है। बिजली वितरण कंपनी टीपीडीडीएल के एक अधिकारी ने बताया कि अधिक मांग के समय सही से आपूर्ति होती रहे, इसलिए मेंटीनेंस के कार्य को पूरा करने के लिए आगामी दिन के बिजली कटौती प्लान को पहले से घोषित कर दिया है।

बादली, बवाना, सिविल लाइंस, केशवपुरम, मंगोलपुरी, माडल टाउन, मोतीनगर, नरेला, पीतमपुरा, रोहिणी, शालीमार बाग क्षेत्र के कई इलाकों में की जाएगी।  बीवाईपीएल के एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर बिजली की मांग के नए रिकॉर्ड जुलाई-अगस्त में बनते हैं, लेकिन  बीवाईपीएल इलाके में बिजली की मांग ने गुरूवार यानी, 10 मई को ही नया रिकॉर्ड बना डाला।

गुरूवार को बीवाईपीएल इलाके में बिजली की मांग बढ़कर 1,237 मेगावॉट हो गई। पिछले साल अगस्त में बीवाईपीएल ने पीक डिमांड का रिकॉर्ड बनाया था, जो 1,198 मेगावॉट था। पिछले वर्ष बिजली की मांग 5,028 मेगावाट के स्तर पर पहुंच गई थी।

दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष बिजली की मांग 5,500 मेगावाट के आंकड़े को पार कर सकती है। बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2002 में बिजली की खपत 3,097 मेगावाट, 2007 में 4,030 मेगावाट, 2009 में 4,408 मेगावाट के स्तर पर, वर्ष 2010 में 4,720 पहुंच गई थी।
http://business.bhaskar.com/article/increased-demand-of-850-mw-in-delhi-within-eight-days-3260614.html

सोमवार, 7 मई 2012

कमला मार्केट से कूलर की खरीदारी में है फायदा

बदलती चाहत
लोहे की बजाय प्लास्टिक के कूलर की डिमांड बढ़ी है। कम वजन प्लास्टिक के कूलर पसंद किये जा रहे हैं। प्लास्टिक का नॉन ब्रांडेड कूलर 1,500-5,000 में उपलब्ध है, जबकि प्लास्टिक का ब्रांडेड कूलर 4,000-9,000 रुपये में बिक रहा है।

इतना सस्ता
रिटेल बाजार की तुलना में कमला मार्केट में 30 फीसदी तक कम कीमत पर कूलर मिल जाता है। कमला मार्केट में कारोबारी एमआरपी से भी कम पर कूलर की डील ग्राहकों के साथ कर लेते हैं। बशर्ते ग्राहक कूलर के लिए सही से डील कर सके।

अगर कूलर खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं तो आपके लिए सबसे मुफीद बाजार कमला मार्केट होगा। इस बाजार में आप रिटेल बाजार और एमआरपी से कम कीमत पर अपने जेब के हिसाब से कूलर खरीद सकते हैं। कारोबारियों के मुताबिक कूलर खरीदने के लिए रिटेल बाजार की तुलना में कमला मार्केट में ग्राहक को 30 फीसदी तक कम कीमत चुकानी होगी। 

कमला मार्केट में कूलर के थोक कारोबार से जुड़े एस.आर.एजेंसीज के प्रोपराइटर रोहित सेठी ने बताया कि रिटेल बाजार की तुलना में कमला मार्केट में 30 फीसदी तक कम कीमत पर कूलर मिल जाता है। कमला मार्केट में कारोबारी एमआरपी से भी कम पर कूलर की डील ग्राहकों के साथ कर लेते हैं। बशर्ते ग्राहक कूलर के लिए सही से डील कर सके।

सेठी ने बताया कि लोहे के कूलर की तुलना में अब लोग प्लास्टिक के कूलर की डिमांड करते हैं। प्लास्टिक के कूलर के प्रति ग्राहकों के आकर्षण की वजह वजन में कम और कम जगह का घेरना है। बाजार में प्लास्टिक के नॉन ब्रांडेड कूलर की कीमत 1,500-5,000 के बीच में है, जबकि प्लास्टिक के ब्रांडेड कूलर की कीमत 4,000-9,000 रुपये के बीच में है।

उन्होंने बताया कि अप्रैल का मौसम ठंडा रहने के चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में कूलर की बिक्री कम हुई है। इसके अलावा लोगों का रुख एयरकंडीशनर की तरफ भी हुआ है जिसका नकारात्मक असर कूलर की बिक्री पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि गैर-ब्रांडेड कूलर की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि ब्रांडेड कूलरों की कीमतों में 8-10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।  कमला मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप भाटिया ने बताया कि प्लास्टिक,कॉपर और स्टील की कीमत पिछले छह महीनों के दौरान बहुत तेजी से बढ़ी हैं।

उस तेजी के हिसाब से ही हमने गैर ब्रांडेड कूलर की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। थोक बाजार होने के कारण कारोबारियों द्वारा आर्डर देने पर उनकी लागत के हिसाब से भी गैर ब्रांडेड कूलर तैयार किए जाते हैं। प्लास्टिक बॉडी में कूलर 1000-3000 रुपये और स्टील बॉडी में 6000 से 7000 रुपये में उपलब्ध हैं। घर के बाहर लगाने के लिए स्टील बॉडी और घर के अंदर प्रयोग करने के लिए प्लास्टिक बॉडी के कूलर बढिय़ा रहते हैं।

कारोबारी लखबीर सिंह ने बताया कि थोक मार्केट होने की वजह से हम अपना मार्जिन कम करके ही कूलर की बिक्री करते हैं। रिटेल बाजार की तुलना में यहां पर कूलर की कीमत पहले से ही कम होती है। जितनी अधिक बिक्री होगी, हमारा लाभ उतना ही बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि 9 इंच के प्लास्टिक बॉडी कूलर की कीमत 1500 रुपये, 12 इंच की 3000 रुपये ,16 इंच की 4000 रुपये,18 इंच के कूलर की कीमत 4500 रुपये है। स्टील बॉडी के कूलर की कीमत न्यूनतम 6000 रुपये के बीच में है।

http://business.bhaskar.com/article/caterpillars-market-advantage-in-cooler-shopping-3231239.html

शनिवार, 5 मई 2012

डीडीए की 1,000 एकड़ जमीन कब होगी मुक्त

अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं

तब आय बढ़ेगी
डीडीए फ्लैटों के साथ ही व्यावसायिक स्पेस भी बेचता है। अगर सारी जमीन पर से अतिक्रमण हट जाए तो न केवल हजारों लोगों को रहने के लिए फ्लैट और व्यावसायिक स्पेस मिलेंगे बल्कि इससे डीडीए की आमदनी भी बढ़ जाएगी।

चौतरफा आवाज उठने और सरकार की ओर से भरोसा देने के बावजूद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। डीडीए की विभागीय समिति द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि डीडीए की 1,000 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।

इस अतिक्रमण में सबसे अधिक जमीन अवैध कॉलोनियों में फंसी हुई है। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में जमीन की किल्लत से सभी लोग परिचित हैं। डीडीए की जमीन पर कहां अतिक्रमण है, इस बात को जानते हुए भी अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि डीडीए एक गैर लाभकारी संस्था है जो एलआईजी, एमआईजी फ्लैटों के साथ ही व्यावसायिक स्पेस बेचकर अपनी आमदनी का जुगाड़ करता है। अगर डीडीए की सारी जमीन पर से अतिक्रमण हट जाए तो न केवल हजारों लोगों को रहने के लिए फ्लैट और व्यावसायिक स्पेस को तैयार हो सकेगा बल्कि इससे डीडीए के खजाने में भी आमदनी बढ़ेगी। अधिकारी के बताया कि डीडीए अब तक 70,000 एकड़ जमीन को विकसित कर चुका है।

अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 के संशोधित अनुमानों में 5,289.80 करोड़ रुपये की प्रत्याशित प्राप्तियों की तुलना में वर्ष 2012-13 के बजट अनुमान में अनुमानित प्राप्तियां 7,888.26 करोड़ रुपये आंकी गई हैं । वर्ष 2010-11 की वास्तविक प्राप्तियां 3,082.02 करोड़ रुपये थीं।

वर्ष 2012-13 के दौरान भूमि के निपटान  से 2,211.83 करोड़ रू. की राशि और आवासों और दुकानों के बिक्री से 3,417.36 करोड़ रु. की राशि वसूल किये जाने का लक्ष्य है। अधिकारी ने बताया कि डीडीए वित्त वर्ष 2012-13 में ग्रीन बेल्ट को और अधिक विकसित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

http://business.bhaskar.com/article/when-will-the-1000-acres-of-dda-open-3215217.html