नरेन्द्र मोदी का इमोशनल प्रवचन
ली मेरेडियन होटल, दिन सोमवार और तारीख अप्रैल 08, 2013
होटल के बाहर का नजारा काफी अलग था। आम दिनों की तरह यहां होटल के सिक्योरिटी गार्ड्स के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान भी मुस्तैद थे। वैसे तो कई बार बिना चैकिंग के ही लोग होटल में चले जाते थे लेकिन आज सब की चेकिंग जरूरी थी। होटल के अंदर जाते ही सबसे पहली नजर होटल के सफाई कर्मचारियों पर गई, जैसे लगा रहा था कि होटल का मैनजमेंट उनसे बार-बार यहीं कह रहा हो कि यार सफाई थोड़ी कम है। और सफाई करने वाले साफ हो चुकी फर्श और दीवारों को फिर से साफ करने लगते। शायद शर्त यह रखी गई थी कि चेहरा देखने के लिए शीशा नहीं फर्श ही काफी हो, ऐसी सफाई होनी चाहिए।
फिक्की की महिला संगठन का कार्यक्रम था और वक्ता गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी। कार्यक्रम 11.00 बजे शुरू होना था। समय से पहले हॉल पूरा पैक हो चुका था। क्योंकि हॉल छोटा था। लोगों के बैठने की जगह नहीं थी। स्पेशल इनवाइटी लोगों की जगह पर कम इनवाइटी लोग ही बैठ गए। उस हॉल में इंस्टृ्रमेंटल म्यूजिक बज रहा था, लग यह रहा था कि शायद कोई पार्टी है। बार-बार स्टेज पर एक लेडी आती और प्लीज स्पेशल इनवाइटी के लिए सीट खाली कर दीजिए। प्रोग्राम क्योंकि महिलाओं का था, इसलिए पुरूष इस प्रोग्राम में अल्पसंख्यक थे। कहते हैं कि जिसके पास पैसा होता है, वो सब सुंदर भी दिखने लगता है। ऐसा ही नजारा, ली मेरेडियन में महिलाओं को देखकर लग रहा था। कहीं सुना है हमने ब्यूटी बिद ब्रेन। यहां पर चेहरे की सुंदरता तो देखने को मिल रही थी लेकिन इतने कम समय में ब्रेन की सुंदरता को जानना काफी कठिन था। इस प्रोग्राम में आई सभी महिलाएं हो सकता है सेल्फ इंडिपेंडेंट होंगी।
मीडिया हाउस के फोटोग्राफर्स के लिए मेन स्टेज से आगे की जमीन खाली थी और वो सब आगे जमीन पर ही बैठे थे। फोटोग्राफर्स एकदम आगे बैठे थे तो टेलीविजन चैनलों के वीडियो कैमरापर्सन एकदम पीछे, अपने शॉट और एंगल को तय कर के खड़े थे। ठीक 11.30 बजे नरेन्द्र मोदी पीछे के रास्ते से स्टेज पर आते हैं और फोटोग्रॉफर्स खड़े हो जाते हैं, एक साथ सैकड़ों क्लिक शुरू हो जाते हैं, इतने में पीछे से आवाज आती है, ओए स्टिल।
थोड़ी देर में राष्ट्रीय गान शुरू होता है। राष्ट्रीय शुरू होने से पहले जब लोग खड़े होते हैं तभी फिक्की के महिला संगठन की एक महिला अपनी साथियों से बोलती है, टेक योर सीट्स और जोर से हसती है। राष्ट्रीय गान के दौरान कुछ महिलाएं दोनों हाथ बांधे खड़ी थी तो किसी को अपने मोबाइल फोन की ज्यादा फिक्र थी। थोड़ी देर में फिक्की के महिला संगठन ने अपना पीपीटी प्रंजेटेंशन शुरू किया। इस दौरान नरेन्द्र मोदी अपनी सीट पर बैठे, शायद फोटोग्रॉफर्स को अलग-अलग पोज दे रहे थे। कभी उनका हाथ सिर पर जाता, कभी हाथ मुंह पर रखते तो कभी दोनों हाथ बांध कर बैठ जाते।
फिर थोड़ी देर में नरेन्द्र मोदी का इमोशनल प्रवचन शुरू होता है। अच्छे वक्ता ही तरह हिंदी भाषा में उदाहरणों के साथ प्रवचन दिया जाता है। नरेन्द्र मोदी सोशल मार्केटिंग साइट फेसबुक और ट्विटर का आभार व्यक्त करते हैं। मां, पत्नी और कुछ अलग करने वाली महिलाओं की कई उदाहरणों के साथ कहानी सुनाते हैं। हिंदी में भाषण होता है तो उत्तर भारत प्रत्यक्ष रूप से उससे जुड़ा हुआ महसूस करता है, बाकी भारत को जोडऩे का काम अंग्रेजी न्यूज चैनलों पर छोड़ दिया जाता है।
एक घंटे से अधिक के प्रवचन में नरेंद्र मोदी के ऊपर मेरा गुजरात हावी रहता है, हमारा मन तभी सोचता है कि नरेंद्र मोदी को मेरा गुजरात, हमारा गुजरात क्यों नहीं है। कहीं हमारे भारत को मेरा भारत तो नहीं बना दिया जाएगा। नरेंद्र मोदी कहते हँ कि महिलाओं को एक मौका देने की जरूरत है, वो उस मौके को भुना कर काफी आगे निकल जाती हैं। शायद यह मौके वाली बात उन्हें सोनिया गांधी को देखकर याद रही होगी। सोनिया गांधी को एक मौका मिला और आज वो कांग्रेस की मालिकन हैं। नरेंद्र मोदी के दिमाग में पिछले सप्ताह सीआईआई में हुए राहुल गांधी का संवाद भी जरूर ध्यान रहा होगा। फिर हमें लगा कि एक सप्ताह के भीतर राहुल गांधी और आज नरेंद्र मोदी का प्रवचन, वो भी सीआईआई और फिक्की में। कहीं अमेरिका से सब कुछ आउटसोर्स करवाने वाला इंडिया , अमेरिकी तर्ज पर चुनाव से पहली की तैयारी को भी आउटसोर्स नहीं करवा रहा है।
वहां से दिमाग हटाकर फिर से ध्यान नरेंद्र मोदी के प्रवचन पर गया, पूरे प्रवचन के दौरान उन्होंने हमारे मतलब कि बात बोल दी कि "आर्थिक निर्भरता के बगैर डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में आप शामिल नहीं हो सकते हैं।" करीब एक घंटे तक के प्रवचन के बाद जवाब और सवालों का दौर शुरू होता है। सारे सवालों को छोडक़र सीधे अंतिम सवाल पर आते हैं। जैसे ही जयपुर से जुड़ी एक महिला नरेंद्र मोदी के केन्द्र की राजनीति में आने के बाद लोकसभा में महिलाओं के रिजर्वेशन विषय पर पर सवाल करती है तो तालियों के साथ सीटियां भी बजनी शुरू हो जाती है। महिलाओं ने तालियां और सीटी क्यों बजाई होगी, इसका जबाव आप खुद ढूंढिए। इस बात से नरेंद्र मोदी के चेहरे पर मुस्कुराहट आती है और गुजरात में कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए, वहां की महिला राज्यपाल कमला बेनीवाल को लपेट लेते हैं।
मोदी का प्रवचन खत्म होता है, मोदी हाथ हिलाते हैं और जिस पिछले दरवाजे से स्टेज पर आए थे, उसी के रास्ते से बिना खाना खाए चले जाते हैं।
By- Sachin Yadav