सचिन यादव नई दिल्ल� | Oct 10, 2012,
जमीन की कमी से निपटने के साथ-साथ औद्योगिक इलाकों में
एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध हो जाएं, इसके लिए दिल्ली
राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने डीडीए को औद्योगिक
इलाकों में हाउसिंग प्रोजेक्ट होने चाहिए। डीएसआईआईडीसी ने बड़े औद्योगिक
क्षेत्रों में हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू करने के साथ औद्योगिक इलाकों की
कनेक्टिविटी को भी मेट्रो से जोडऩे संबंधित प्रस्ताव डीडीए को दिया है।
डीएसआईआईडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में जमीन की कमी से निपटने के लिए अभी से ही इंतजाम करने होंगे। इसके लिए औद्योगिक इलाकों को सर्विस इंडस्ट्री के तौर पर भी विकसित किया जाएं।
अधिकारी ने बताया कि अगर औद्योगिक इलाकों में आईटी, बीपीओ और केपीओ सेंटर स्थापित किया जाए, साथ ही हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएं तो वहां लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। लोग अपनी सुविधा अनुसार इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में शुरू हुई हाउसिंग प्रोजेक्ट में भी रह सकेंगे। इससे शहर में बढ़ते अधिक जनसंख्या घनत्व को कम करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा औद्योगिक इलाकों में इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर भी मास्टर प्लान-2021 में संशोधन करने को कहा गया है।
इमारतों की ऊंचाई के कारण कई प्रोजेक्ट के बिल्डिंग प्लान पारित नहीं हो पाते हैं। इससे प्रोजेक्ट के पूरे होने की अवधि बढ़ जाती है। इसके साथ ही बसों के अलावा दूसरे ट्रांसपोर्ट के साधनों के जरिए औद्योगिक इलाकों का यातायात बढिय़ा हो, इसको भी मास्टर प्लान-2021 में शामिल करने के लिए कहा गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान-2021 को पिछले कई वर्षों से तैयार कर रही है लेकिन अभी तक मास्टर प्लान तैयार नहीं हो पाया है।
इनका भी सुझाव
औद्योगिक इलाकों में इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर भी मास्टर प्लान-2021 में संशोधन करने को कहा गया है। इमारतों की ऊंचाई के कारण कई प्रोजेक्ट के बिल्डिंग प्लान पारित नहीं हो पाते हैं। इससे प्रोजेक्ट के पूरे होने की अवधि बढ़ जाती है। इसके साथ ही बसों के अलावा दूसरे ट्रांसपोर्ट के साधनों के जरिए औद्योगिक इलाकों का यातायात बढिय़ा हो, इसको भी मास्टर प्लान-2021 में शामिल करने के लिए कहा गया है।
http://business.bhaskar.com/article/housing-projects-in-industrial-areas-should-be-3900859.html
डीएसआईआईडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में जमीन की कमी से निपटने के लिए अभी से ही इंतजाम करने होंगे। इसके लिए औद्योगिक इलाकों को सर्विस इंडस्ट्री के तौर पर भी विकसित किया जाएं।
अधिकारी ने बताया कि अगर औद्योगिक इलाकों में आईटी, बीपीओ और केपीओ सेंटर स्थापित किया जाए, साथ ही हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएं तो वहां लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। लोग अपनी सुविधा अनुसार इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में शुरू हुई हाउसिंग प्रोजेक्ट में भी रह सकेंगे। इससे शहर में बढ़ते अधिक जनसंख्या घनत्व को कम करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा औद्योगिक इलाकों में इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर भी मास्टर प्लान-2021 में संशोधन करने को कहा गया है।
इमारतों की ऊंचाई के कारण कई प्रोजेक्ट के बिल्डिंग प्लान पारित नहीं हो पाते हैं। इससे प्रोजेक्ट के पूरे होने की अवधि बढ़ जाती है। इसके साथ ही बसों के अलावा दूसरे ट्रांसपोर्ट के साधनों के जरिए औद्योगिक इलाकों का यातायात बढिय़ा हो, इसको भी मास्टर प्लान-2021 में शामिल करने के लिए कहा गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान-2021 को पिछले कई वर्षों से तैयार कर रही है लेकिन अभी तक मास्टर प्लान तैयार नहीं हो पाया है।
इनका भी सुझाव
औद्योगिक इलाकों में इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर भी मास्टर प्लान-2021 में संशोधन करने को कहा गया है। इमारतों की ऊंचाई के कारण कई प्रोजेक्ट के बिल्डिंग प्लान पारित नहीं हो पाते हैं। इससे प्रोजेक्ट के पूरे होने की अवधि बढ़ जाती है। इसके साथ ही बसों के अलावा दूसरे ट्रांसपोर्ट के साधनों के जरिए औद्योगिक इलाकों का यातायात बढिय़ा हो, इसको भी मास्टर प्लान-2021 में शामिल करने के लिए कहा गया है।
http://business.bhaskar.com/article/housing-projects-in-industrial-areas-should-be-3900859.html