11,984 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में सफल हुए थे घोषित
2,417 उम्मीदवारों को बुलाया गया था साक्षात्कार के लिए
910 सफल उम्मीदवारों में से 800 ने दी थी अंग्रेजी में परीक्षा
87 वे उम्मीदवार अंतिम तौर पर यूपीएससी की इस प्रतिष्ठित सिविल परीक्षाा में उत्तीर्ण हुए जिन्होंने अंग्रेजी को माध्यम अपनाया था
''पूरी आबादी में 40-45 फीसदी लोग हिंदी पट्टी के आते हैं। शिक्षा में भ्रष्टाचार के कारण इन क्षेत्रों में शिक्षा की दशा में तत्काल सुधार होना चाहिए। सिर्फ भाषा के आधार पर टैलेंट को नहीं परखना चाहिए। ऐसे में सीसैट परीक्षा के पैटर्न की समीक्षा करनी होगी। भाषा के आधार पर नौकरी पर देना राष्ट्र निर्माण में बाधक होगा। -प्रो. आनंद कुमार, समाजशाी
''सिविल सेवा की चयन प्रक्रिया रहस्यात्मक नहीं होनी चाहिए। यूपीएससी की परीक्षा में हिंदी में दिए गए उत्तरों की गुणवत्ता क्या है और इन्हें जांचने के लिए परीक्षकों का चुनाव कैसे करता है। यह अब भी सवालों के घेरे में है। -प्रो.अपूर्व आनंद, हिन्दी विभाग, दिल्ली विवि
आईएएस और अन्य केंद्रीय सिविल सेवाओं की चयन परीक्षा के लिए सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्टी (सीसेट) का नया पैटर्न क्षेत्रीय भाषाओं के उम्मीदवारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो गया है। सिविल सेवा परीक्षा के आखिरी परिणाम में क्षेत्रीय भाषाओं की तुलना में 87 फीसदी वे उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए जिन्होंने अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा दी थी।
वर्ष 2011 में पहली बार लागू सी सैट के नए पैटर्न से हिंदी समेत अन्य भाषाओं में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का बेहद नुकसान हुआ। संघ लोक सेवा आयोग ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बताया कि सूचना के अधिकार के तहत यूपीएससी ने बताया कि इसकी प्रारंभिक परीक्षा 2011 का प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ था और वह द्विभाषी था लेकिन उत्तर अंकित किए जाने थे इसलिए यह बता पाना संभव नहीं है कि प्रारंभिक परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से कितने छात्र बैठे।
यूपीएससी ने अपने जवाब में बताया कि टॉप 500 उम्मीदवारों ने किस माध्यम से परीक्षा उत्तीर्ण की, यह जानकारी संकलित रूप से उपलब्ध नहीं है। आयोग ने बताया कि आईएएस की मुख्य परीक्षा (लिखित) के लिए हिंदी माध्यम से 1,700 और अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वाले 9,324 लोगों ने परीक्षा दी थी।
उनमें से हिंदी माध्यम से 301 और अंगेज माध्यम से 2,047 लोग साक्षात्कार के लिए चुने गए। फाइनल रिजल्ट में अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वाले 800 और हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले 89 लोगों का चयन हुआ। सिविल सर्विसेज परीक्षा 2011 के अंतिम परिणाम में कुल 910 लोगों को सफल घोषित किया गया। हिंदी भाषा के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देने वाले 21 लोग ही सिविल सेवा 2011 की परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाए।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे आशुतोष ने बताया सिविल सेवा के नए पैटर्न सीसैट में हिंदी माध्यम का उम्मीदवार 40 अंकों की हानि उठाता है। एक अन्य उम्मीदवार प्रवीण ने बताया कि जब मुख्य परीक्षा में 300 नंबर का अंग्रेजी का अनिवार्य पेपर होता है तो प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न देने की क्या आवश्यकता है।
इस बाबत बिहार कैडर के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डी.एन.गौतम ने बताया कि सिविल सेवा में होने वाली परीक्षा में स्केलिंग का पैटर्न सही नहीं है। इसलिए सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न की समीक्षा जरूर होनी चाहिए।
http://business.bhaskar.com/article/those-sort-of-civil-service-examinations-in-english-3576671-NOR.html