शनिवार, 5 मई 2012

डीडीए की 1,000 एकड़ जमीन कब होगी मुक्त

अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं

तब आय बढ़ेगी
डीडीए फ्लैटों के साथ ही व्यावसायिक स्पेस भी बेचता है। अगर सारी जमीन पर से अतिक्रमण हट जाए तो न केवल हजारों लोगों को रहने के लिए फ्लैट और व्यावसायिक स्पेस मिलेंगे बल्कि इससे डीडीए की आमदनी भी बढ़ जाएगी।

चौतरफा आवाज उठने और सरकार की ओर से भरोसा देने के बावजूद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। डीडीए की विभागीय समिति द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि डीडीए की 1,000 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।

इस अतिक्रमण में सबसे अधिक जमीन अवैध कॉलोनियों में फंसी हुई है। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में जमीन की किल्लत से सभी लोग परिचित हैं। डीडीए की जमीन पर कहां अतिक्रमण है, इस बात को जानते हुए भी अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि डीडीए एक गैर लाभकारी संस्था है जो एलआईजी, एमआईजी फ्लैटों के साथ ही व्यावसायिक स्पेस बेचकर अपनी आमदनी का जुगाड़ करता है। अगर डीडीए की सारी जमीन पर से अतिक्रमण हट जाए तो न केवल हजारों लोगों को रहने के लिए फ्लैट और व्यावसायिक स्पेस को तैयार हो सकेगा बल्कि इससे डीडीए के खजाने में भी आमदनी बढ़ेगी। अधिकारी के बताया कि डीडीए अब तक 70,000 एकड़ जमीन को विकसित कर चुका है।

अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 के संशोधित अनुमानों में 5,289.80 करोड़ रुपये की प्रत्याशित प्राप्तियों की तुलना में वर्ष 2012-13 के बजट अनुमान में अनुमानित प्राप्तियां 7,888.26 करोड़ रुपये आंकी गई हैं । वर्ष 2010-11 की वास्तविक प्राप्तियां 3,082.02 करोड़ रुपये थीं।

वर्ष 2012-13 के दौरान भूमि के निपटान  से 2,211.83 करोड़ रू. की राशि और आवासों और दुकानों के बिक्री से 3,417.36 करोड़ रु. की राशि वसूल किये जाने का लक्ष्य है। अधिकारी ने बताया कि डीडीए वित्त वर्ष 2012-13 में ग्रीन बेल्ट को और अधिक विकसित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

http://business.bhaskar.com/article/when-will-the-1000-acres-of-dda-open-3215217.html