इस को क्या कह सकते हैं जिंदगी में दोस्तों का साथ होना कितना जरूरी होता है. हम सभी अपने काम में बिजी होने के कारण अपने दोस्तों को समय नहीं दे पाते हैं. जिन्होंने हमारे कठिन मोड़ पर हमारा साथ दिया था उन सबको भूल जाते हैं. जिंदगी की उड़ान में दोस्त उन पंखों सरीखे होते हैं जिनके बिना कोई भी उड़ान पूरी नहीं की जा सकती है. शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उस दोस्ती को किसी भी चीज़ से तौला नहीं जा सकता है...
बुधवार, 6 मार्च 2013
Manish Tiwari Minister I&B has given written reply in Lower House, Questions related Prasar Bharti
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प्रसार भारती में नौकरशाह
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रसार भारती के अति महत्वपूर्ण कार्यों को संचालित करने हेतु किसी अनुभवहीन या अप्रशिक्षित कार्मिक की नियुक्ति का कोई मामला सरकार की जानकारी में नहीं आया है।
टेलीविजन-चैनलों द्वारा स्व-विनियमन
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रमुख सैटेलाइट टीवी चैनलों का प्रतिनिधित्व करने वाले औद्योगिक निकाय, भारतीय प्रसारण प्रतिष्ठान (आईबीएफ) ने मनोरंजन चैनलों के लिए एक द्वि-स्तरीय स्व-विनियामक तंत्र की स्थापना की है जिसमें प्रथम स्तर पर प्रसारक है और द्वितीय स्तर पर प्रसारण विषय-वस्तु शिकायत परिषद (बीसीसीसी) है। प्रसारण विषय-वस्तु शिकायत परिषद एक तेरह (13) सदस्यीय निकाय है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवा-निवृत्त न्यायाधीश अध्यक्ष के रूप में और विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य 12 सदस्य शामिल हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि गत तीन वर्षों के दौरान मंत्रालय में प्राप्त हुई शिकायतों की संख्या व स्वरूप तथा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में प्रतिपादित विज्ञापन संहिता एवं कार्यक्रम संहिता में अंतर्विष्ट प्रावधानों के संबंध में उन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा अनुलग्नक-I में दिया गया है।
बीसीसीसी को प्राप्त हुई शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा बीसीसीसी द्वारा रखा जाता है और वह उनकी आधिकारिक वैबसाइट- http://www.ibfindia.com पर उपलब्ध है। ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है। तथापि, बीसीसीसी ने दिनांक 24.12.2012 को एक सलाह-पत्र जारी किया है जिसमें आईबीएफ के सभी सदस्य-चैनलों को 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी ऐसी स्थिति में दर्शाने से परहेज करने की सलाह दी गई है जिसमें कामुक या व्यस्क व्यंजना हो। उक्त सलाहपत्र की एक प्रति आईबीएफ की वैबसाइट-http://www.ibfindia.com पर उपलब्ध है।
अंग्रेजी समाचार चैनल
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रसार भारती ने सूचित किया है कि अनन्य रूप से अंग्रेजी समाचार चैनल की शुरुआत करने के बारे में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
उन्होंनें यह भी बताया कि प्रसार भारती एक लोक सेवा प्रसारक है जिसकी स्थापना संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के अंतर्गत की गई है। प्रसार भारती अधिनियम के तहत प्रसार भारती में लोक सेवा के कतिपय कर्तव्य व दायित्व विहित हैं और वह प्रमुखत: वाणिज्यिक उद्देश्यों से अभिप्रेरित नहीं है। अभी तक कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
समाचार चैनलों का कार्यकरण
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित अश्लील कार्यक्रमों के कुछ मामले सरकार की जानकारी में आए हैं। प्राइवेट सैटेलाइट/केबल टेलीविजन चैनलों द्वारा कार्यक्रमों का प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 द्वारा विनियमित होता है। इस अधिनियम में प्रावधान है कि इन टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में निर्धारित की गई कार्यक्रम संहिता के अनुसरण में होने चाहिए। उक्त कार्यक्रम संहिता समाचार चैनलों सहित सभी प्राइवेट सैटेलाइट/केबल टेलीविजन चैनलों के लिए अनुप्रयोज्य है। उक्त कार्यक्रम संहिता में उन समस्त सिद्धांतों का निर्धारण किया गया है जिनका इन टीवी चैनलों द्वारा कड़ाई से अनुपालन किया जाना आवश्यक होता है।
टीवी चैनलों के लिए निगरानी समिति
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि स्थानीय केबल टेलीविजन चैनलों में प्रसारित व पुन: प्रसारित कार्यक्रमों के संबंध में केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रम एवं विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन का संज्ञान लेने के लिए राज्य स्तरीय एवं स्थानीय/जिला स्तरीय निगरानी समितियों की स्थापना करने हेतु दिनांक 06.09.2005 के आदेश (मंत्रालय की वैबसाइट www.mib.nic.in पर उपलब्ध) के तहत सभी राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए गए थे। अभी तक, 22 राज्य स्तरीय और 276 जिला स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया है कि इन समितियों का आधार व्यापक है और उनमें न केवल जिला/राज्य प्रशासन व पुलिस के सदस्य शामिल है बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ जैसाकि महिला महाविद्यालय की प्राचार्य, बाल कल्याण एवं महिला कल्याण के लिए कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, अकादमीशियन, मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री आदि जैसे समाज के सदस्य भी शामिल हैं। दिनांक 19.02.2008 के आदेश (मंत्रालय की वैबसाइट www.mib.nic.in पर उपलब्ध) में भी समिति के कार्यक्षेत्र, संचालन कार्यविधि, समिति के कार्यों आदि का ब्यौरा दिया गया है ताकि ऐसी निगरानी समितियों के कार्यकरण हेतु आवश्यक कार्यात्मक मार्गदर्शन प्रदान हो सके।
केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से प्रसारित/पुन: प्रसारित टीवी चैनलों पर प्रसारित सभी कार्यक्रमों एवं विज्ञापनों के संबंध में केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रम एवं विज्ञापन संहिताओं का अनुपालन किया जाना आवश्यक होता है। उक्त अधिनियम और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधान क्षेत्रीय भाषाई चैनलों सहित सभी प्राइवेट सैटेलाइट/केबल टेलीविजन चैनलों के लिए अनुप्रयोज्य है। इस मंत्रालय ने कार्यक्रम व विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन की जांच करने के लिए एक अंतरमंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया है। आईएमसी में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, विधि मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले विभाग तथा भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के प्रतिनिधि शामिल है। आईएमसी समय-समय पर अपनी बैठकें करती हैं और उल्लंघनों के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा करती है। सरकार ने प्राइवेट सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित विषय-वस्तु की निगरानी करने के लिए इलैक्ट्रॉनिक मीडिया मानीटरिंग केंद्र (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है। जब कभी संहिता का किसी प्रकार का उल्लंघन सरकार की जानकारी में लाया जाता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
स्लॉटों की नीलामी
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रसार भारती ने सूचित किया है कि दूरदर्शन ने अभी तक निजी प्रसारकों को 92.05 करोड़ रु. की कुल राशि के लिए 37 स्लॉटों की नीलामी की है। नीलामी के अगले चक्र को अभी निर्धारित किया जाना है।
समाचार चैनलों द्वारा हिंसक घटनाएं दिखाया जाना
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई एक लड़की की मृत्यु होने से संबंधित दुखद घटना के परिणामस्वरूप इस मंत्रालय द्वारा सभी प्राइवेट सैटेलाइट समाचार टेलीविजन चैनलों को दिनांक 23.12.2012 और 29.12.2012 को दो सलाह-पत्र जारी किए गए थे जिनमें उन्हें ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग में यथोचित संवेदनशीलता बरतने और यथोचित दायित्व का निर्वहन करने की सलाह दी गयी। समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण ने भी यौन-प्रहार के मामलों की रिपोर्टिंग करने के संबंध में दिनांक 07.01.2013 को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि प्राइवेट सैटेलाइट/केबल टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रमों का विनियमन केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के तहत किया जाता है। सभी टीवी चैनलों के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में उपबंधित कार्यक्रम संहिता का अनुपालन करना आवश्यक होता है जिसमें प्राइवेट सैटेलाइट/केबल टीवी चैनलों में समाचारों और समसामयिक विषयक कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों के प्रसारण हेतु व्यापक विनियम निर्धारित किए गए हैं। जब कभी संहिता का किसी प्रकार का उल्लंघन सरकार की जानकारी में लाया जाता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
मीडिया नीति में संशोधन
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मौजूदा प्रिंट मीडिया नीति के अनुसार, गैर-समाचार क्षेत्र अर्थात प्रिंट मीडिया के विशिष्टीकृत/तकनीकी/वैज्ञानिक क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति है जबकि समाचारपत्रों और समाचारों एवं समसामयिक विषयों से संबंधित पत्रिकाओं का प्रकाशन करने वाली भारतीय कंपनियों में 26 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति है। तथापि, पूर्ण रूप से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के माध्यम से अपने स्वंय के समाचारपत्रों के अनुलिपि संस्करण निकालने वाले विदेशी प्रकाशन घरानों के मामले में 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति है।
उन्होंने यह भी बताया है कि प्रसारण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अनुज्ञेय है और मौजूदा नीति के अनुसार, विभिन्न खण्डों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमाएं औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के प्रेस नोट सं. 7 (2012 श्रृंखला), दिनांकित 20.09.2012 में दर्शाई गई हैं। सरकार ने प्रिंट और साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति पहले ही दे दी है।
सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए धनराशि
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को अवसंरचना/उपस्कर/प्रशिक्षण और क्षमता-निर्माण आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु 12वीं योजना में एक नई योजनागत स्कीम लाने का प्रस्ताव किया गया है। इससे देश में बड़ी संख्या में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना करने में मदद मिलेगी। सामुदायिक रेडियो स्टेशन विकासात्मक संचार में समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम के रूप में कार्य कर सकते हैं। मंत्रालय/सरकार/विभाग इस प्लेटफॉर्म का उपयोग महत्वपूर्ण विकासात्मक संदेशों का संप्रेषण करने के लिए कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय देशभर में सामुदायिक रेडियो चलाने के इच्छुक व्यक्तियों/संस्थाओं तथा मौजूदा सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए जागरूकता उत्पन्न करने और क्षमता–निर्माण करने हेतु अनेक कार्यशालाओं का आयोजन करता रहा है। वर्ष 2007 से लेकर अब तक देशभर में 42 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है। ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी जारी रखा जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारें लोकहित की सूचना एवं प्रायोजित कार्यक्रमों का प्रसारण करने के कार्य में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को संलग्न कर सकती हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों में हिंदी में 'स्वस्थ भारत' नामक कार्यक्रम और 'आरोग्य भारतम्' नामक कार्यक्रम का प्रसारण करने के कार्य में कुछ सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को संलग्न किया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भी कुपोषण के विरुद्ध अपना राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान सामुदायिक रेडियो की सेवाओं का उपयोग करने हेतु निधियां आबंटित की हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भी उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता उत्पन्न करने के लिए सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को विज्ञापन जारी किए हैं।
प्रसार भारती में अंशकालिक संवाददाता
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि दूरदर्शन ने किन्हीं भी अंशकालिक संवाददाताओं को कार्य पर संलग्न नहीं किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्रीय समाचार इकाइयों में तैनात संवाददाताओं व संपादकों को समाचार संकलन में सहायता करने हेतु संविदा व अंशकालिक आधार पर आकाशवाणी केंद्रों में अंशकालिक संवाददाता कार्यरत हैं। वे प्रसार भारती के पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं हैं और प्रति वर्ष उनकी संविदाओं का नवीनीकरण उनके कार्य-निष्पादन के आधार पर किया जाता है। वे अपने जीविकोपार्जन के लिए अन्य व्यवसाय/रोजगार में भी संलग्न होने के लिए स्वतंत्र हैं। अंशकालिक संवाददाताओं के शुल्क में दिनांक 01.04.2010 से वृद्धि की गई थी।
डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम हेतु लाइसेंस
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि चेन्नै महानगरीय क्षेत्र के डिजिटल संबोधनीय प्रणाली (डास) अधिसूचित क्षेत्रों में बहु-प्रणाली संचालक (एमएसओ) के रूप में संचालन करने हेतु पंजीयन की मंजूरी देने की बाबत दिनांक 5.7.2012 को तमिलनाडु अरासू केबल टीवी कार्पोरेशन लि. से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है। प्रसारण और वितरण के कार्यकलापों में सरकारी कंपनियों के प्रवेश के संबंध में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों के आलोक में उक्त प्रस्ताव की जांच की जा रही है। कोई समय-सीमा निर्दिष्ट नहीं की जा सकती है क्योंकि हाल ही में गठित अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) की सिफारिशों पर विचार करने के पश्चात ही निर्णय लिया जा सकेगा, यह समिति इस संबंध में ट्राई की सिफारिशों की जांच करेगी और सक्षम प्राधिकारी के विचारार्थ अपनी सिफारिशें करेगी।
DAVP द्वारा विज्ञापनों पर व्यय
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि गत तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों की संख्या और उन पर किए गए व्यय से संबंधित मीडिया/एजेंसी-वार ब्यौरा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि डीएवीपी बाह्य प्रचार एवं मीडिया से संबंधित मानकों सहित सरकार की प्रिंट मीडिया नीति और श्रव्य-दृश्य नीति की संरचना के अंतर्गत लक्षित पाठकगण व दर्शकगण, ग्राहक की आवश्यकता, बजट की उपलब्धता आदि को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन जारी करता है, उक्त नीतियां व मानक डीएवीपी की वेबसाइट www.davp.nic.in पर उपलब्ध हैं। प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति को पिछली बार अक्तूबर, 2007 में अद्यतित किया गया था।
Audio-visual श्रव्य-दृश्य नीति को पिछली बार सितम्बर, 2012 में अद्यतित किया गया था। बाह्य प्रचार संबंधी मानकों को पिछली बार जून, 2012 में अद्यतित किया गया था।
पाइरेसी से निपटना
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मनोरंजन उद्योग को पाइरेसी के कारण हानि होती रही है, हालांकि, इस संबंध में कोई सुनिश्चित आंकड़े नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि फिल्म, वीडियो, केबल और संगीत पाइरेसी का मुकाबला करने के लिए उपायों की अनुशंसा करने हेतु एक समिति का गठन किया गया था। समिति द्वारा उसकी रिपोर्ट में की गई प्रमुख अनुशंसाओं में सभी संगत स्टेकहोल्डरों की सहभागिता से कारगर एवं समस्त बहु-मीडिया अभियान का निष्पादन, कॉपीराइट अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु अधिदेशित सरकारी तंत्र के सुग्राह्यता स्तर का उन्नयन, विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भौगोलिक स्थितियों एवं फार्मेटों में फिल्मों को एक साथ या लगभग आस-पास रिलीज़ किया जाना, प्रमुख थिएटरों का डिजिटल थिएटरों में रूपांतरण, प्रामाणिक डीवीडी की कीमतों को कम किया जाना तथा थिएटर मालिकों द्वारा इस बात का सुनिश्चयन किया जाना कि थिएटरों का कैमकार्डिंग न हो, शामिल हैं। इस उक्त समिति की रिपोर्ट www.mib.nic.in पर उपलब्ध है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पाइरेसी-रोधी पहल पर एक योजनागत स्कीम का कार्यान्वयन कर रहा है।
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=20904