शनिवार, 19 अप्रैल 2014

Fastrack takes off its advertisement from all medium of media.




दोस्तों हमें छोटी सी जीत मिली है. Fastrack के एक विज्ञापन को सारे फॉर्मेट से वापस ले लिया गया है. Fastrack के विज्ञापन को लेकर एएससीआई में एप्लीकेशन लगाई थी. फैसला हमारे पक्ष में आया है. इस विज्ञापन को दिल्ली में ज़र्नलिस्ट पहले ही विरोध कर चुके थे जिसके बाद दिल्ली में उस विज्ञापन की  लगी होर्डिंग को वापस लिया गया था पर उसके बावजूद सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों में ये विज्ञापन जस का तस दिया जा रहा था. एएससीआई ने ईमेल के ज़रिए सूचित करते हुए बताया है कि उसने इस विज्ञापन को "औरतों की प्रतिष्ठा के खिलाफ और अपमानजनक पाया है."

आप इस जीत को और भी बड़ा कर सकते हैं. अगर आप को भी कोई विज्ञापन किसी तरह से मिसलीडिंग लगता है तो तुरंत एक्शन ले और एप्लीकेशन फाइल कीजिये। हो सकता है वो विज्ञापन भी जल्द बंद हो जाए. जब बढ़िया विज्ञापन की हम तारीफ़ कर सकते हैं तो  बेतुके विज्ञापन को बंद भी करवा सकते हैं.

एएससीआई ने इससे पहले भी कई विज्ञापनों पर रोक लगाई है और अभी भी लगा रहा है.

आप एएससीआई की साइट पर जाकर ऐसे सभी विज्ञापन के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करा सकते हैं. साथ ही अपनी शिकायत को ट्रैक भी कर सकते हैं तो लीजिये एक्शन बैठे क्यों हैं? 

एएससीआई की वेबसाइट का लिंक ये रहा http://www.ascionline.org/

वैसे भी गांधी जी ने कहा था की बुरा मत देखो। फिर भी जैसा आप का मन वैसा ही करें।