रविवार, 3 नवंबर 2013

खुशियों को फैलाओ, दीवाली मिल कर मनाओ.

दीयों ने अपनी शिकायत दर्ज़ कराई है
लोगों को उनकी याद क्यों नहीं आई है.
आज दीयों को तुमसे ही आस है
उनकी छोटी सी जिंदगी तुम्हारे पास है.

आज तो उन्हें न तड़पाओ

ये आर्टिफिशल लाइट बुझाओ
कम-कम दो दीये जलाओ.

दीयों ने किया हमेशा की तरह पक्का वायदा है

उनके हिस्से में आपके लिए रोशनी ज्यादा हैं
वो ऐसी रोशनी लायेगें, एक घर से खुशियों को
चार घरों में फैलाएगें, दीवाली संग मिलकर मनाएंगें

आज तो उन्हें न तड़पाओ

कम-कम दो दीये जलाओ
खुशियों को फैलाओ, दीवाली मिल कर मनाओ.
शुभ दीपावली :)
with regards
Sachin Yadav