रविवार, 16 सितंबर 2012

छतों पर भी होगा सौर ऊर्जा का उत्पादन

छतों पर भी होगा सौर ऊर्जा का उत्पादन

सचिन यादव नई दिल्ल� | Sep 17, 2012, 02:35AM IST
 
 

प्रोजेक्ट - एक किलोवाट का ऑफ ग्रिड बिना बैटरी का सौर ऊर्जा पैनल लगाने पर 2 लाख रुपये का खर्च आता है जबकि बैटरी वाले पैनल पर खर्च50,000 रुपये और बढ़ जाता है। इस पॉयलट प्रोजेक्ट का खर्च करीब 15  करोड़ रुपये है। इसमें से 30 फीसदी पैसा सब्सिडी के जरिए केंद्र देगा जबकि बाकी पैसा दिल्ली सरकार को देना होगा।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार के एनर्जी एफिशिएंसी एंड रिन्यूवल एनर्जी मैनेजमेंट (आरईएम) विभाग ने दिल्ली सरकार को रूफ टॉप पॉलिसी के सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत दिल्ली सरकार के 25 स्कूलों में 250 किलोवाट, 10 हॉस्पिटल में 250 किलोवाट का, विकास भवन-2 में 100 किलोवाट और दिल्ली सचिवालय में 30 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का प्रस्ताव भेजा है।

दिल्ली सरकार के एनर्जी एफिशिएंसी एंड रिन्यूवल एनर्जी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव दिलली सरकार के पर्यावरण विभाग को भेजा जा चुका है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। अधिकारी ने बताया कि अभी यह पॉयलट प्रोजेक्ट है और इस प्रोजेक्ट के तहत 630 किलोवाट से ज्यादा सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए पैनल लगाने होंगे।

अधिकारी ने बताया कि एक किलोवाट का ऑफ ग्रिड बिना बैटरी का सौर ऊर्जा पैनल लगाने पर 2 लाख रुपये का खर्च आता है। जबकि बैटरी वाला पैनल लगाने पर इसकी लागत 50,000 रुपये और बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस पॉयलट प्रोजेक्ट की लागत करीब 15 करोड़ रुपये आएगी। इसमें से 30 फीसदी पैसा सब्सिडी के जरिए केन्द्र सरकार देगी जबकि बाकी पैसा दिल् ली सरकार को देना होगा।

सौर ऊर्जा के जरिए उत्पादन होने वाली सारी बिजली को संबंधित विभाग खुद के प्रयोग में लाएंगे। सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत 16 रुपये से घटकर 12 रुपये प्रति यूनिट के स्तर पर आ गई है। पेट्रोलियम पदार्थ और कोल पदार्थ जिस तरह से महंगे हो रहे हैं, आने वाले समय में सौर ऊर्जा के  से मिलने वाली बिजली और अन्य तरीकों से मिलने वाली बिजली के कीमतों में काफी समानता आ जाएगी।

इसके अलावा ईईआरईएम ने दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम को दिल्ली में रूफ टॉप पॉलिसी के लिए कितनी छत उपलब्ध हैं इसका अध्ययन करने को कहा है। इस अध्ययन के बाद ही दिल्ली में रूफ टॉप के  जरिए कितनी सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इंडो जर्मन एनर्जी प्रोग्राम के तहत जीआईजेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली में 700 वर्ग किलोमीटर बिल्टअप एरिया है और अगर कुल क्षेत्रफल में से सिर्फ 25 फीसदी क्षेत्र का ही प्रयोग किया जाए तो बहुत अधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन हो सकता है।