मंगलवार, 13 सितंबर 2011

और तू बिकना चाहती है

तुझे बाज़ार में सजाऊंगा, क्योंकि तू बिकती खूब है

तेरी तिजारत करने के लिए दुनिया को बुलाऊंगा

क्योंकि तू बिकती खूब है

तेरा रखवाला भी अब बस तेरी तिजारत करना चाहता है

कहता है तू सबके साथ घुल-मिल जाती है

कहता है तेरे चाहने वाले बहुत है,

इसलिए तिजारत भी अच्छी होगी

लेकिन तेरे बिकने से बाज़ार में

तेरी औकाद का पता नही चलता है

आज भी तू बिकाऊ है इसलिए तेरी पहचान

प्रेमिका नही किसी और की है

तेरे चाहने वाले सिर्फ तुझे बेचना जानते हैं

और तू बिकना चाहती है

यह कह कर बाज़ार में इतराती है

कि तेरी मांग है ज्यादा

हाँ मैं जानता हूँ की तू हिंदी हैं.