बान ने अपने वक्तव्य में कहा है कि पत्रकारों पर हमलों की संख्या दहलाने वाले स्तर तक ऊंची बनी हुई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने वैश्विक समस्याओं के समाधान में मीडिया की भूमिका पर बल दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रेस की आज़ादी का सख्ती से पालन करने की अपील की है.
संस्था 'कमिटी टू प्रोटैक्ट जर्नलिस्ट्स' सी पी जे के अनुसार 2008 में 41 पत्रकारों की हत्या कर दी गई और 2009 में अब तक 11 पत्रकारों को मार दिया गया है. पैरिस स्थित संगठन 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' ने 2008 में मार दिए गए पत्रकारों की संख्या 60 बताई है. संगठन ने कहा है कि पिछले वर्ष 929 पत्रकारों पर हमले किए गए या उन्हें धमकियां दी गईं.Bildunterschrift: Großansicht des Bildes mit der Bildunterschrift:
संगठन सी पी जे के अनुसार, पहली दिसंबर, 2008 को 125 पत्रकार जेल में थे, जिनमें से कुछ वर्षों से क़ैद हैं, और कुछ एक दशक से भी अधिक समय से.
बान ने कहा है कि उनमें से आधे क़ैदी तीन देशों में हैं - चीन, क्यूबा और एरिट्रिया में. संगठन 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' का कहना है कि इन तीन देशों को मिलाकर, प्रेस स्वाधीनता की दृष्टि से सबसे अधिक ख़तरे वाले दस देशों में उत्तर कोरिया, बर्मा, लाओस, वियतनाम, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.
बान ने अपने वक्तव्य में कहा है, "मैं उन सभी सरकारों से, जिन्होंने पत्रकारों को क़ैद कर रखा है, आग्रह करता हूं कि वे सुनिश्चित करें कि पत्रकारों के अधिकारों का पूरा सम्मान किया जाए, जिनमें अपील करने और आरोपों के ख़िलाफ़ अपने बचाव के अधिकार भी शामिल हैं."
क़ैद रखे जा रहे पत्रकारों में, इस समय एक बहुचर्चित मामला अमरीकी-ईरानी पत्रकार रुख़्साना साबरी का है, जिन्हें पिछले महीने तेहरान में 8 वर्ष की क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.
विश्व प्रेस स्वाधीनता दिवस के अवसर पर एक वक्तव्य में अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह विदेशों में क़ैद अमरीकी नागरिकों के बारे में विशेष रूप से चिंतित हैं. ओबामा ने कहा कि यह उन पत्रकारों की बढ़ती संख्या के बारे में अलख जगाने का अवसर है, जिन्हें मौत या क़ैद के रास्ते ख़ामोश कर दिया जाता है, जबकि वे जनता को रोज़मर्रा के समाचार पहुंचाने की कोशिश कर रहे होते हैं." रोक्साना साबरी को ईरान ने क़ैद कर रखा है
अमरीकी विदेशमंत्री हिलरी क्लिंटन ने अपने लिखित संदेश में कहा कि अमरीका, विश्व प्रेस स्वाधीनता दिवस, और पत्रकारों द्वारा मानव के आत्मसम्मान, स्वाधीनता और समृद्धि के उन्नयन में अंशदान को मनाने में शामिल होकर गर्वित महसूस कर रहा है. क्लिंटन ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता को राष्ट्रसंघ की मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा का संरक्षण प्राप्त है.
फ़्रीडम हाउस संगठन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि लगातार सातवें साल प्रेस स्वतंत्रता की बाधाएं बढ़ी हैं. निरंकुश देशों के अलावा इटली, इस्राएल और हांगकांग जैसे देश भी पत्रकारों के काम को मुश्किल बना रहे हैं. बर्लिन में रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स ने एक विरोध प्रदर्शन कर रिपोर्टिंग को दबाए जाने के परिणामों की ओर ध्यान दिलाया है और कहा है कि रिपोर्टिंग के बिना पीड़ित अदृश्य रहते हैं.
राष्ट्रसंघ के शिक्षा और संस्कृति संगठन यूनेस्को ने श्रीलंकाई पत्रकार लसंथा विक्रमतुंग को मरणोपरांत 2009 के प्रैस स्वाधीनता पुरस्कार से सम्मानित करने का फ़ैसला किया है. यूनेस्को के महानिदेशक कोइचीरो मतसूरा यह पुरस्कार आज क़तर में एक आयोजन में विधिवत प्रस्तुत करेंगे. विक्रमतुंग की जनवरी में हत्या कर दी गई थी.
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