सरकार ने खड़ें किए हाथ, कहा बोतलबंद पानी की कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं
सचिन यादव नई
दिल्ली | Jul 08, 2013, 11:51AM IST
गणित - कंपनियों को हो रहा है करोड़ों रुपये का फायदा
गोलमाल - मॉल में कई कंपनियों की एक लीटर पानी की बोतल 40 रुपये एमआरपी पर बेची जा रही है और पानी की वही बोतल मॉल के बाहर 18 रुपये एमआरपी पर मिल रही है
जागो ग्राहक जागो से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने वाली केन्द्र सरकार बोतल बंद पानी के मामले में खुद सोई हुई प्रतीत हो रही है। अपने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति लोगों जागरुक करने के लिए विज्ञापन पर करोड़ों रुपये बहाने वाली सरकार के पास देश में बिक रहे ब्रांडेड पैकेज्ड वाटर के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है। पूरे देश में कितने ब्रांड नाम से पानी की बिक्री हो रही है, इस बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं है।
गोलमाल - मॉल में कई कंपनियों की एक लीटर पानी की बोतल 40 रुपये एमआरपी पर बेची जा रही है और पानी की वही बोतल मॉल के बाहर 18 रुपये एमआरपी पर मिल रही है
जागो ग्राहक जागो से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने वाली केन्द्र सरकार बोतल बंद पानी के मामले में खुद सोई हुई प्रतीत हो रही है। अपने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति लोगों जागरुक करने के लिए विज्ञापन पर करोड़ों रुपये बहाने वाली सरकार के पास देश में बिक रहे ब्रांडेड पैकेज्ड वाटर के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है। पूरे देश में कितने ब्रांड नाम से पानी की बिक्री हो रही है, इस बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं है।
सूचना
के अधिकार के
तहत मिली जानकारी के
अनुसार, सरकार को
नहीं मालूम कि
बोतल बंद पानी
की कीमतों को
कौन नियंत्रित कर
रहा है। केन्द्र सरकार
के उपभोक्ता मामले
मंत्रालय से इस
बाबत आरटीआई के
तहत जानकारी मांगी
गई थी कि
देश में कितने
ब्रांड नामों से
पैकेज्ड वाटर की
बिक्री हो रही
है।
केन्द्र सरकार
के उपभोक्ता मामले
मंत्रालय को मॉल
और मॉल के
बाहर बोतल बंद
की पानी बिक्री
की बिक्री अगल-अलग एमआरपी
पर होने का
प्रश्न अनुमानित लगता
है जबकि मॉल
में कई कंपनियों के
एक लीटर पानी
की बोतल 40 रुपये
एमआरपी पर बेची
जा रही है
और पानी की
वही बोतल मॉल
के बाहर 18 रुपये
एमआरपी पर मिल
रही है।
इस
बाबत उपभोक्ता मामले
मंत्रालय ने आरटीआई
के जवाब में
इस प्रश्न का
जवाब यह कहकर
देने से मना
कर दिया कि
यह प्रश्न अनुमानित है।
इस बाबत बिजनेस
भास्कर के संवाददाता के
पास एक ही
कंपनी की एक
लीटर बोतल को
दो अलग-अलग
एमआरपी से बिक्री
करने का साक्ष्य उपलब्ध
है।
भारतीय
मानक ब्यूरो ने
आरटीआई के तहत
दिए गए जवाब
में बताया कि
स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्रालय के
द्वारा आईएस 14543:2004 पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर
को राजपत्र अधिसूचना जी.एस.आर
760(ई) के माध्यम
से भारतीय मानक
ब्यूरो के अनिवार्य प्रमाणीकरण के
तहत लाया गया
है।
इसके
अनुसार कोई भी
व्यक्ति भारतीय मानक
ब्यूरो सर्टिफिकेट चिन्ह
के बिना पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर
की मैन्युफैक्चरिंग, उसकी
बिक्री और प्रदर्शन नहीं
कर सकता है।
देश
भर में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर
की बिक्री कई
कंपनियों द्वारा की
जा रही है
पर देश में
पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर
की कीमत सभी
कंपनियों ने अपने
हिसाब से तय
कर रखी है।
बाजार में एक
लीटर पानी की
बोतल 10 रुपये से
18 रुपये की कीमत
के बीच में
कई ब्रांड नामों
से बिक रही
है जबकि दो
लीटर पानी की
बोतल का मूल्य
20-25 रुपये के बीच
में बाजार में
उपलब्ध है।
वहीं
मॉल के अंदर
एक लीटर पानी
की बोतल के
लिए 40 रुपये और
आधे लीटर की
पानी की बोतल
के लिए 20 रुपये
का भुगतान करना
पड़ रहा है।
लेकिन सरकार का
कहना है कि
यह प्रश्न अनुमानों पर
आधारित है। सरकार
भले ही अनुमानों के
जाल में उलझी
हो लेकिन मॉल
में उपभोक्ताओं की
जेब से एक
लीटर पानी के
लिए ४० रुपये
निकाले जा रहे
हैं।