सचिन यादव नई दिल्ली | Nov 19, 2012, 00:34AM IST
कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी
शोषण - श्रमिकों से कार्यावधि के बाद अतिरिक्त समय में काम कराने पर अतिरिक्त भुगतान को लेकर उद्यमियों को परेशानी है। कई बार आठ घंटे की शिफ्ट में काम करने के बाद भी श्रमिक को आधे से एक घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। इसके लिए श्रमिकों को दोगुना भुगतान करने का प्रावधान है।
औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम के घंटे नए सिरे से तय करने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने एक स्पेशल कमेटी बनाई है जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में श्रम विभाग के अधिकारी, औद्योगिक संगठनों और श्रमिकों के प्रतिनिधि होंगे।
राजधानी दिल्ली के औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम करने के समय को लेकर अपैक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ एनसीटी से जुड़े लोग श्रम मंत्री डा.ए.के.वालिया से 16 नवंबर को मिले थे। इस चैंबर ने श्रमिकों को होने वाली दिक्कतों को लेकर एक ज्ञापन भी श्रम मंत्री को सौंपा है।
अपैक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ एनसीटी के उपप्रमुख रघुवंश अरोड़ा ने बताया कि श्रमिकों के काम करने के समय और अतिरिक्त समय में काम कराने पर पैसे के भुगतान को लेकर उद्यमियों को काफी दिक्कत है। कई बार आठ घंटे की शिफ्ट में काम करने के बाद श्रमिक को आधे से एक घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है।
इसके लिए श्रमिकों को दोगुना भुगतान करने का प्रावधान है। ऐसे नियमों को आज भी व्यवहारिक रूप से लागू नहीं किया जा सका है इसलिए हमने श्रम मंत्री से कहा है कि ऐसे नियम बनाएं जिनका पालन किया जा सके।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के काम करने के समय को बढ़ाने को लेकर श्रम विभाग ने 28 अगस्त को हुई बैठक पर अपनी सिफारिश दी थी। उन्होंने अफसोस जताया कि दिल्ली में श्रमिकों की तनख्वाह भी व्यावहारिक तरीके से लागू नहीं है। क्या जितनी तनख्वाह सरकार ने लागू की है, वह श्रमिकों को मिल रही है ? अगर नहीं मिल रही है तो ऐसे निर्णय से क्या फायदा? श्रमिकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी से संबंधित मामला हाईकोर्ट भी अभी विचाराधीन है। अरोड़ा ने बताया कि औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम के घंटे निर्धारित करने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने एक स्पेशल कमेटी बनाई है।
उम्मीद है कि कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इस कमेटी में दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के अधिकारी, औद्योगिक संगठन और श्रमिकों के प्रतिनिधि होंगे। चैंबर में लेबर रिलेशन कमेटी के चेयरमैन रामानंद गुप्ता ने श्रमिकों और उद्यमियों के बीच आपसी तालमेल बैठाने के लिए श्रम विभाग से नियमों में ढील देने के लिए कहा है। इससे सरकारी निर्णयों को लागू करने में आसानी होगी और बिना कानून तोड़े सभी उद्यमी नियमों का पालन कर सकेंगे।
http://business.bhaskar.com/article/working-hours-of-workers-will-be-renewed-4054901.html
शोषण - श्रमिकों से कार्यावधि के बाद अतिरिक्त समय में काम कराने पर अतिरिक्त भुगतान को लेकर उद्यमियों को परेशानी है। कई बार आठ घंटे की शिफ्ट में काम करने के बाद भी श्रमिक को आधे से एक घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। इसके लिए श्रमिकों को दोगुना भुगतान करने का प्रावधान है।
औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम के घंटे नए सिरे से तय करने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने एक स्पेशल कमेटी बनाई है जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में श्रम विभाग के अधिकारी, औद्योगिक संगठनों और श्रमिकों के प्रतिनिधि होंगे।
राजधानी दिल्ली के औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम करने के समय को लेकर अपैक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ एनसीटी से जुड़े लोग श्रम मंत्री डा.ए.के.वालिया से 16 नवंबर को मिले थे। इस चैंबर ने श्रमिकों को होने वाली दिक्कतों को लेकर एक ज्ञापन भी श्रम मंत्री को सौंपा है।
अपैक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ एनसीटी के उपप्रमुख रघुवंश अरोड़ा ने बताया कि श्रमिकों के काम करने के समय और अतिरिक्त समय में काम कराने पर पैसे के भुगतान को लेकर उद्यमियों को काफी दिक्कत है। कई बार आठ घंटे की शिफ्ट में काम करने के बाद श्रमिक को आधे से एक घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है।
इसके लिए श्रमिकों को दोगुना भुगतान करने का प्रावधान है। ऐसे नियमों को आज भी व्यवहारिक रूप से लागू नहीं किया जा सका है इसलिए हमने श्रम मंत्री से कहा है कि ऐसे नियम बनाएं जिनका पालन किया जा सके।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के काम करने के समय को बढ़ाने को लेकर श्रम विभाग ने 28 अगस्त को हुई बैठक पर अपनी सिफारिश दी थी। उन्होंने अफसोस जताया कि दिल्ली में श्रमिकों की तनख्वाह भी व्यावहारिक तरीके से लागू नहीं है। क्या जितनी तनख्वाह सरकार ने लागू की है, वह श्रमिकों को मिल रही है ? अगर नहीं मिल रही है तो ऐसे निर्णय से क्या फायदा? श्रमिकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी से संबंधित मामला हाईकोर्ट भी अभी विचाराधीन है। अरोड़ा ने बताया कि औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के काम के घंटे निर्धारित करने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने एक स्पेशल कमेटी बनाई है।
उम्मीद है कि कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इस कमेटी में दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के अधिकारी, औद्योगिक संगठन और श्रमिकों के प्रतिनिधि होंगे। चैंबर में लेबर रिलेशन कमेटी के चेयरमैन रामानंद गुप्ता ने श्रमिकों और उद्यमियों के बीच आपसी तालमेल बैठाने के लिए श्रम विभाग से नियमों में ढील देने के लिए कहा है। इससे सरकारी निर्णयों को लागू करने में आसानी होगी और बिना कानून तोड़े सभी उद्यमी नियमों का पालन कर सकेंगे।
http://business.bhaskar.com/article/working-hours-of-workers-will-be-renewed-4054901.html