सचिन यादव नई दिल्ली | Nov 16, 2012, 00:35AM IST
एआईसीटीई का नया नियम अगले सत्र से लागू
चेतावनी - एआईसीटीई के इस निर्णय का पालन सभी संबंधित संस्थानों के लिए जरूरी है अन्यथा ऐसे पाठ्यक्रमों पर एआईसीटीई की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। बिना प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी ही इसके जिम्मेदार होंगे।
कार्रवाई - मान्य प्रवेश परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य परीक्षा के जरिए मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अयोग्य घोषित किया जाएगा। ऐसे डिप्लोमा को भी अमान्य घोषित किया जाएगा।
मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में बिना प्रवेश परीक्षा के एडमिशन लेने वाले छात्रों आल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने आगाह किया है। एआईसीटीई ने मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को सार्वजनिक सूचना के माध्यम से सूचित करते हुए कहा है कि मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में कैट, मैट, एक्स-ऐट, जी-मैट प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही प्रवेश लिया जा सकता है।
एआईसीटीई के इस निर्णय का पालन करना सभी सभी संबंधित संस्थानों के लिए जरूरी है अन्यथा ऐसे पाठ्यक्रमों को लेकर एआईसीटीई की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। साथ ही, बिना प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी ही इसके जिम्मेदार होंगे।
उपरोक्त प्रवेश परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अयोग्य घोषित किया जाएगा। साथ ही, संस्थान द्वारा दिए जाने वाला डिप्लोमा को भी अमान्य घोषित किया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने वाले संस्थानों के खिलाफ एआईसीटीई के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एआईसीटीई के चेयरमैन एस.एस.मंथा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि वर्ष 2013-14 के लिए मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों जैसे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एक्जीक्यूटिव मैनजेमेंट , पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कॉरपोरेट मैनेजमेंट में प्रवेश के लिए कई संस्थानों ने विज्ञापन दिए हैं जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 1 मार्च, 2012 के निर्णय में सभी संस्थानों को उपरोक्त प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से ही मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कहा है।
ऐसे में इस समय जो भी संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर रहे है, वह सीधे तौर पर सुप्कीम कोर्ट के निर्णय की अवमानना कर रहे हैं। मंथा ने कहा कि 2013-14 के सत्र में मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के इच्छुक छात्रों को एआईसीटीई के नियम मानने होंगे। एआईसीटीई के नियमों को न मानने वाले छात्र और संस्थान खुद ही इसके जिम्मेदार होंगे।
http://business.bhaskar.com/article/management-institutions-entrance-test-ban-4043485.html
चेतावनी - एआईसीटीई के इस निर्णय का पालन सभी संबंधित संस्थानों के लिए जरूरी है अन्यथा ऐसे पाठ्यक्रमों पर एआईसीटीई की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। बिना प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी ही इसके जिम्मेदार होंगे।
कार्रवाई - मान्य प्रवेश परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य परीक्षा के जरिए मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अयोग्य घोषित किया जाएगा। ऐसे डिप्लोमा को भी अमान्य घोषित किया जाएगा।
मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में बिना प्रवेश परीक्षा के एडमिशन लेने वाले छात्रों आल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने आगाह किया है। एआईसीटीई ने मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को सार्वजनिक सूचना के माध्यम से सूचित करते हुए कहा है कि मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में कैट, मैट, एक्स-ऐट, जी-मैट प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही प्रवेश लिया जा सकता है।
एआईसीटीई के इस निर्णय का पालन करना सभी सभी संबंधित संस्थानों के लिए जरूरी है अन्यथा ऐसे पाठ्यक्रमों को लेकर एआईसीटीई की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। साथ ही, बिना प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी ही इसके जिम्मेदार होंगे।
उपरोक्त प्रवेश परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य परीक्षा के माध्यम से मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अयोग्य घोषित किया जाएगा। साथ ही, संस्थान द्वारा दिए जाने वाला डिप्लोमा को भी अमान्य घोषित किया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने वाले संस्थानों के खिलाफ एआईसीटीई के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एआईसीटीई के चेयरमैन एस.एस.मंथा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि वर्ष 2013-14 के लिए मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों जैसे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एक्जीक्यूटिव मैनजेमेंट , पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कॉरपोरेट मैनेजमेंट में प्रवेश के लिए कई संस्थानों ने विज्ञापन दिए हैं जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 1 मार्च, 2012 के निर्णय में सभी संस्थानों को उपरोक्त प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से ही मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कहा है।
ऐसे में इस समय जो भी संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर रहे है, वह सीधे तौर पर सुप्कीम कोर्ट के निर्णय की अवमानना कर रहे हैं। मंथा ने कहा कि 2013-14 के सत्र में मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के इच्छुक छात्रों को एआईसीटीई के नियम मानने होंगे। एआईसीटीई के नियमों को न मानने वाले छात्र और संस्थान खुद ही इसके जिम्मेदार होंगे।
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