शुक्रवार, 29 जून 2012

खाओ मक्खन लगाओ मक्खन"- मक्खनबाज़

इश्क को बढ़ाने के साथ दुश्मनी को कम करने का काम भी मक्खन ही करता है 
छोटी सी जिन्दगी है यारोंदुश्मनों को भी दोस्त बनाओ.
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"- मक्खनबाज़

अधिक मक्खन खाने से स्वस्थ्य को नुकसान हो सकता है!
लेकिन मक्खन लगाने से फायदे के सिवा कुछ नही होता,
मक्खन लगाओ फायदा ही फायदा पाओ!
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खाओ कम लगाओ ज्यादा" मक्खनबाज़

लगातार दो टेस्ट सीरीज में सफाया होने के बाद टीम इंडिया की चौतरफा आलोचना हो रही है। कोई भी उनका साथ देने को तैयार नहीं है। ऐसे में मक्खनबाज़ से उम्मीद की जा रही है। मकखनबाजों के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स ने फैसला किया है कि न सिर्फ सीनियर टेस्ट खिलाड़ियों को रिसीव करने मक्खनबाजों को भेजेंगे। बल्कि मकखनबाजों का एक दल वन डे सीरीज में टीम इंडिया का मनोबल बढ़ाने के लिए स्टेडियम में भी मौजूद रहगा।
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खाओ कम लगाओ ज्यादा" मक्खनबाज़

मक्खनबाज़ ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन(एमबीआई) सू़त्रों के मुताबिक आर्मी चीफ जनरल वी़.के. सिंह द्वारा 10 किलो मक्खन खरीदने का मामला प्रकाश में आया है। मक्खनबाज़ जांच एंजेसी के मुताबिक वी.के. सिंह ने जिंदगी में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में मक्खन खरीदा और वो भी 26 जनवरी से ठीक पहले। एमबीआई के मुताबिक 10 किलो मक्खन लेकर जनरल साहब 26 जनवरी को परेड देखने पहुंच थे लेकिन वापस लौटते समय उनका सारा मक्खन खत्म हो गया। मक्खनबाज़ एजेंसी के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जनरल साहब ने सारा मक्खन कहां खत्म कर दिया। इस बात की भी जांच की जा रही है कि जनरल ने सारा मक्खन खिलाने में या फिर लगाने में खर्च किया ।
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खाओ कम लगाओ ज्यादा" मक्खनबाज़

अशिकी में भी मक्खन ही काम आता है 
जब गर्लफ्रेंड रूठ जाए, 
मक्खन लगाओउसे मनाओ. 
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"-मक्खनबाज़

अभी-अभी मक्खनबाजों ने एक मक्खनबाज़ शहर बनाने की घोषणा की है.
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"- मक्खनबाज़


मक्खनबाज़ी में सुनहरा भविष्य देखते हुए
कैम्ब्रिजऑक्सफोर्डएमआईटी यूनिवर्सिटी
यहाँ तक कि लदंन स्कूल ऑफ इॅकानमिक्स
ने अपने सभी नियमों को तोड़कर 
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मास्टर प्रोग्राम इन मक्खनबाजी" कोर्स को 
जल्द ही शुरू करने का फैसला किया है.
अब सभी मक्खनबाजों को पढ़ने और पढ़ाने का मौका मिलेगा.
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"-मक्खनबाज

देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव है.
कई मक्खन बनाने वाली कंपनियों ने
राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया है कि 
अपने राज्य कि जनता को हमारी कंपनी का मक्खन लगायें.
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"-मक्खनबाज़


खाते और लगाते समय 
सही मक्खन का चुनाव ज़रूरी है 
क्योकि बाज़ार में मक्खन तो बहुत हैं
पर 'अमूलकी बात ही कुछ और है
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खाओ मक्खन लगाओ मक्खन"- मक्खनबाज़

जिन्दगी जीने के सिर्फ दो ही तरीके हैं
पहला गधे के बारे में सोचे बिना
मेहनत करते जाओ
या फिर चुपचाप होले-होले मक्खन लगाओ
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खाओ मक्खन लगाओ मक्खन"- मक्खनबाज़

बहुत से जीरो भी हीरो बन गए हैं मक्खनबाज़ी से 
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खाओ कम लगाओ ज्यादा"  मक्खनबाज़

सभी मक्खन बाज़ एक दूसरे को मक्खन लगा रहे हैं.
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खाओ कम लगाओ ज्यादा" :- मक्खनबाज़