सचिन यादव नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में फ्लेटों की बिक्री न होने से चावड़ी बाजार के सेनेटरी उद्योग में गिरावट आई है। चावड़ी बाजार के सेनेटरी उद्योग में यह गिरावट लगातार दूसरे वर्ष भी देखी जा रही है।
दिल्ली आयरन एंड मर्चेंटस एसोसिऐशन के सदस्य राकेश गुप्ता ने बताया कि सेनेटरी उद्योग व्यापरियों की खरीदारी पर टिका रहता है। लेकिन एनसीआर इलाकों में खासकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बने फ्लेटों को खरीदार न मिलने से सेनेटरी के माल की आपूर्ति एकदम ठप है। जब तक बने हुए फ्लेट बिकेगें नहीं, तब तक नए फ्लैट बनेंगे नहीं। नए फ्लेट न बनने से माल की आपूर्ति भी एक दम ठप है।
बाजार में इस समय फुटकर विक्रेता ही आते हैं। आने वाले समय में भी सेनेटरी बाजार में तेजी आने की उम्मीद कम ही है। उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण खरीददार कम हैं जिससे सेनेटरी उत्पादों की कीमत २० फीसदी तक बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि हमारे उत्पादों को चीन से आए सेनेटरी माल से भी क ड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। अधिकांश बड़े व्यापारी जिन्हें बल्क में माल खरीदना होता है। अब चीनी उत्पादों की बुकिंग भी करवा रहे हैं।
वहीं एसोसिऐशन के अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन ने बताया कि मार्के ट में इस समय गिरावट देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने वैट की दर भी सेनेटरी उत्पादों पर ४ फीसदी से बढ़ाकर १२.५ फीसदी के स्तर पर कर दी है। मार्केट में खरीदारों ने सेनेटरी उत्पादों के बढ़ते दामों से कदम पीछे खींच लिए हैं।
हौज काजी में पिछले कई सालों से सेनेटरी उत्पादों का व्यापार कर रहे मो.हुसैन कहते हैं कि बाजार में सेनेटरी उत्पादों की मांग बिल्कुल कम है। कम मांग के कारण हमें अपने खर्चों में कटौती भी करनी पड़ रही है। इसका असर बाजार में काम करने वाले मजदूरों की तनख्वाह पर भी पड़ता है।