इस को क्या कह सकते हैं जिंदगी में दोस्तों का साथ होना कितना जरूरी होता है. हम सभी अपने काम में बिजी होने के कारण अपने दोस्तों को समय नहीं दे पाते हैं. जिन्होंने हमारे कठिन मोड़ पर हमारा साथ दिया था उन सबको भूल जाते हैं. जिंदगी की उड़ान में दोस्त उन पंखों सरीखे होते हैं जिनके बिना कोई भी उड़ान पूरी नहीं की जा सकती है. शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उस दोस्ती को किसी भी चीज़ से तौला नहीं जा सकता है...
बुधवार, 22 जुलाई 2009
टी आर पी के लिए साला कुछ भी करेगा.
टेलिविज़न का इतिहास बदलता जा रहा है. हम लोग जैसे प्रोग्राम की बुनियाद ख़तम होती जा रही है. टी आर पी के लिए साला कुछ भी करेगा, समय बदल गया साथ ही लोगो की सोच के साथ पसंद भी बदल गयी है. आज राखी का विवाह दिखाया जा रहा है, कल राखी का विवाह पार्ट -२ दिखाया जायेगा, फिर राखी का हनीमून, फिर राखी की डिलिवरी, फिर राखी के बच्चे ,भविष्य में यही प्रोग्राम टीवी पर छाए रहेगे, भाई लोगो की ग्रोथ हो रही है. लोगो के लिए उनके लिए क्या हो रहा है इससे लेना देना ही नही है. वह राखी का विवाह देखने में मस्त है. क्योकि सच का सामना होना अभी भी उनकी जिन्दगी मीलो दूर है, जिन प्रोग्राम की स्क्रिप्ट पहले तैयार है उनके विषय में क्यों नहीं सोच रहे हैं. लोगो को पता नही क्या हो गया है . वह जैसे सब कुछ भूल गए है. मैंने यह भी सुना हैकी उस प्रोग्राम में शामिल होने वाले लड़को के घर वालो की काफी शर्मिंदा होना पड़ता है. आज मीडिया का यूज़ किस तरह से किया जाये, यह भी पता है. कुछ बदलने वाला नही है लगता यही है आप गाँधी जी या भगात सिंह न बने, क्योकि बन भी जायेगे तब भी आपकी मूर्ति पर माला नहीं होगी, बस कौवों और चिडियों की ......................................................
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3 टिप्पणियां:
आज की दुखती नस को आपने और भी दुखा दिया है..... आज मीडियाकर्मी ये भूल चले हैं की सुशासन में उनकी अहम भूमिका है और वो खुद की टी आर पी बढ़ाने में व्यस्त हैं..........
बिल्कुल ठीक कहा आपने सचिन जी...लगता है कि आज के मीडिया की हालत धोबी के गधे जैसी हो गई है जो ना घर का है ना घाट का।
pad kar acha laga
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