इस को क्या कह सकते हैं जिंदगी में दोस्तों का साथ होना कितना जरूरी होता है. हम सभी अपने काम में बिजी होने के कारण अपने दोस्तों को समय नहीं दे पाते हैं. जिन्होंने हमारे कठिन मोड़ पर हमारा साथ दिया था उन सबको भूल जाते हैं. जिंदगी की उड़ान में दोस्त उन पंखों सरीखे होते हैं जिनके बिना कोई भी उड़ान पूरी नहीं की जा सकती है. शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उस दोस्ती को किसी भी चीज़ से तौला नहीं जा सकता है...
मंगलवार, 9 जून 2009
मेरा नाम पिंकू श्रीवास्तव है और आप
नमस्कार दोस्तों आज मैं आप को एक मित्र से मिलवाता हूँ , जो इंसान नहीं फिर भी इंसान से बढ़कर है. आज से दो साल पहले जब भारत ने अपना पहला ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप जीता था . तब वह पहली बार मेरे सामने आया था. तब वह बहुत छोटा सा था . उसकी उम्र २ या तीन महीने ही होगी. जिसकी बात मैं कर रहा हूँ उनका नाम पिंकू श्रीवास्तव है और वह एक कुत्ता है. यह नाम रखने का एक कारन यह है की जो उस कुत्ते को घर लाये थे उनका नाम पिंकू श्रीवास्तव है और पहले उनके अंदर बहुत जोश था उसको पालने का, पर अचानक सारा जोश काफूर हो गया. और उन्होंने उसे सड़क पर आवारा कुत्ते की तरह छोड़ दिया. आज वह दो साल का चूका है. मुझे ख़राब यह लगा की उन्होंने किसी बच्चे को उसकी माँ से अलग किया और फिर उससे सड़क पर भटकने के लिए छोड़ दिया था. आज वह हमारी कालोनी में काफी मशहूर हो चूका है. क्योकि उसने कुछ दिन पहले ही हमारे घर के पास ही रहने वाले दुसरे श्रीवास्तव जी के घर होने वाली चोरी को रोका था और चोरो को भगा दिया था. आज भी वह अपनी इमानदारी और स्वामिभक्ति नहीं भूला है. और अपने पहले वाले मालिक के साथ मेरे और बाकि सभी के घरो की सुरक्षा करता हैं. उसके अन्दर किसी भी प्रकार का घमंड नही है. वह अब पूरी कालोनी में मशहूर हो चूका है. जो पिंकू श्रीवास्तव उसको लाये थे वह मेरे भैया लगते है. शायद उन्हें इस बात का अंदाजा तक नही है जब वह अपना घर छोड़ कर कही बहार जाते हैं तब वह लगातार उनके घर की सुरक्षा करता है. बस अपना फ़र्ज़ निभाता चला जा रहा है. मैंने बहुत पहले एक हॉलीवुड की फिल्म बीथोवेन देखि थी तब मुझे वह कुत्ता बहुत प्यारा लगा था, बस अब पूरी तरह से पिंकू श्रीवास्तव बीथोवेन की भूमिका निभा रहे है. और अब मुझे भी उससे प्यार हो गया है. जब हम घर पहुचते हैं तब पता नही कैसे पता चल जाता है और वह घर आ जाता है. जब सुबह मैं साइकिल से घर निकलता हूँ तब वह मुझे छोड़ने काफी दूर तक आता है. अब मेरे पापा कहते हैं, तुम इसको जयादा प्यार मत करो वरना जब इसको कुछ हो जायेगा. उस समय तुम्हे काफी पीडा होगी.
बस में यही दुआ करता हु भगवन उसे कोई दर्द न दे और उसे हमेशा ठीक रखे, तुम जियो हजारो साल, और तुम्हारी जैसी इमानदारी सभी को मिले.
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1 टिप्पणी:
very ture sachine
aaj kal insan insan nahi rahe
janver ban gaye hai,isan apni insaniyat bhul chuka hai,per ye janver aaj bhi insan k vafadar bane hue hai.
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