इस को क्या कह सकते हैं जिंदगी में दोस्तों का साथ होना कितना जरूरी होता है. हम सभी अपने काम में बिजी होने के कारण अपने दोस्तों को समय नहीं दे पाते हैं. जिन्होंने हमारे कठिन मोड़ पर हमारा साथ दिया था उन सबको भूल जाते हैं. जिंदगी की उड़ान में दोस्त उन पंखों सरीखे होते हैं जिनके बिना कोई भी उड़ान पूरी नहीं की जा सकती है. शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उस दोस्ती को किसी भी चीज़ से तौला नहीं जा सकता है...
रविवार, 11 मार्च 2012
एम्मार-एमजीएफ लैंड लिमिटेड से ३१४.४२ करोड़ रुपये का टैक्स वसूलने की तैयारी
Sachin yadav नई दिल्ली(Exclusive)
कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान खेलगांव में फ्लैट्स का निर्माण करने वाली कंपनी एम्मार-एमजीएफ लैंड लिमिटेड से दिल्ली सरकार का व्यापार कर विभाग ३१४.४२ करोड़ रुपये का टैक्स वसूलने की तैयारी कर चुका है। खेलगांव में फ्लैटों के निर्माण को लेकर तब से अब तक एम्मार-एमजीएफ विवादों में रही है। व्यापार कर विभाग ने एम्मार-एमजीएफ कंपनी का कर निर्धारण करते हुए ३१४.४२ करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने का नोटिस भेजा है। अगर एम्मार-एमजीएफ दिए एक माह के भीतर बकाए टैक्स का भुगतान नहीं करती है तो वैट नियमों के अनुसार एम्मार-एमजीएफ के बैंक खातों और संपत्ति को अटैच करने का प्रावधान है। विभाग ने वित्त वर्ष २००८-०९ और २००९-१० के दौरान का कर निर्धारण किया है। विभाग के मुताबिक कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलगांव में फ्लैटों का निर्माण करने वाली कंपनी एम्मार- एमजीएफ ने पूरे टैक्स का भुगतान नहीं किया था। इसको देखते हुए वैट विभाग के स्पेशल जोन अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई जिसमें भारी राशि का भुगतान देय पाया गया है।
वैट विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नियमों के मुताबिक दिए गए समय में भुगतान न किए जाने पर एम्मार-एमजीएफ के बैंक खातों और संपत्ति को अटैच करने का प्रावधान है। वैट विभाग की इस कार्रवाई से कॉमनवेल्थ गेम्स फ्लैट्स के खरीदारों को भारी झटका लगने की संभावना है। गौरतलब है कि पिछले डेढ़ वर्ष से फ्लैट के खरीदारों को इस पर कब्जा नहीं मिला है। पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने भी डीडीए और एम्मार- एमजीएफ आपसी झगड़े सुलझा कर जल्द से जल्द खेलगांव में स्थित में फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा कर फ्लैट लोगों को सौपनें के निर्देश दिए थे।
खेलगांव में १,१६८ फ्लैट के निर्माण के लिए एमआरएफ-एमजीएफ को दिल्ली विकास प्राधिकरण के बैल आउट पैकेज के रुप में ७६८.८९ करोड़ रुपये के भुगतान की जांच भी सीबीआई द्वारा शुरू की जा चुकी है।
दिल्ली सरकार में वैट आयुक्त राजेन्द्र कुमार से इस विषय में पूछने पर उन्होंने बताया कि एम्मार एमजीएफ कंपनी का कर निर्धारण स्पेशल जोन के वैट अधिकारियों द्वारा किया गया है जोकि दिल्ली वैट नियमों के अंतर्गत ही किया गया है।
वैट विभाग में अतिरिक्त आयुक्त (स्पेशल जोन) के.के.दहिया से इस विषय पर पूछने पर उन्होंने बताया कि एम्मार- एमजीएफ को एक माह का समय दिया गया है जिसके दौरान वह कर जमा कर सकता है।
एम्मार एमजीएफ लैंड प्राइवेट लिमिटेड, दुबई की एम्मार प्रॉपर्टीज पीजेएससी(एम्मार) और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है।